विंबलडन ने लगाया रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों पर प्रतिबंध, नंबर एक खिलाडी जोकोविच ने जताई हैरानी

यह फैसला रूस के द्वारा यूक्रेन पर किये गए, हमले के कारण लिया गया है

Update: 2022-04-21 11:09 GMT

नोवाक जोकोविच

टेनिस के सबसे प्रतिष्ठित ग्रैंड स्लैम में से एक विंबलडन ओपन से जुडी एक बड़ी खबर सामने आयी है। जहां विंबलडन ने रूसी और बेलायह फैसला रूस के द्वारा यूक्रेन पर किये गए, हमले के कारण लिया गया है। यह फैसला रूस के द्वारा यूक्रेन पर किये गए, हमले के कारण लिया गया है। इस फैसले की जानकारी विंबलडन ने सोशल मीडिया के जरिये सभी को दी।

विंबलडन के इस फैसले की कई खिलाडी निंदा भी कर रहे है। विंबलडन ने अपने बयान कहा कि रूस और बेलारूस के सभी टेनिस खिलाड़ियों को आगामी ब्रिटेन की टेनिस टूर्नामेंट में खेलने पर पाबंदी लगाया जा रहा है। इस फैसले को रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से लिया गया है। इस फैसले का मतलब है कि इस साल विंबलडन में दुनिया के नंबर-2 रूसी टेनिस खिलाड़ी डेनिल मेदवेदेव और पूर्व नंबर एक महिला खिलाड़ी विक्टोरिया अजारेंका को इस साल टूर्नामेंट में खेलने का मौका नहीं मिलेगा।

जोकोविच ने बताया पागलपन

वही विंबलडन के इस फैसले की टेनिस के दिग्गज खिलाड़ियों के द्वारा कड़ी निंदा भी की जा रही है। विंबलडन के इस फैसले को लेकर नंबर एक टेनिस खिलाडी नोवाक जोकोविच ने कहा "मैं हमेशा युद्ध की निंदा करूंगा, मैं युद्ध की संतान होने का समर्थन कभी नहीं करूंगा। मुझे पता है कि यह कितना भावनात्मक आघात छोड़ता है। सर्बिया में हम सभी जानते हैं कि 1999 में क्या हुआ था। बाल्कन में हमने हाल के इतिहास में कई युद्ध किए हैं। हालांकि, मैं विंबलडन के फैसले का समर्थन नहीं कर सकता, मुझे लगता है कि यह सब पागलपन है। जब राजनीति खेल में हस्तक्षेप करती है, तो परिणाम अच्छा नहीं होता है।"

खिलाड़ियों के अलावा एटीपी और डब्ल्यूटीए दौरों द्वारा भी इस फैसले की आलोचना की गई है। इस युग में यह कदम पहली बार है ,इसके पहले राष्ट्रीयता के आधार पर दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ऐसा हुआ था, जब जर्मन और जापानी खिलाड़ियों को बाहर रखा गया था।

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