ITF ने उठाया एक बड़ा कदम, भारत की बढ़ सकती हैं दिक़्क़तें

Update: 2019-09-09 09:17 GMT

ITF के दिए नए डेविस कप फॉर्मेट के अनुसार पहले जहाँ चार ग्रुप हुआ करते थे जिसमे अमेरिका, एशिया/ओशियनिक ओर यूरोपियन/अफ्रीका, हर एक ग्रुप का हिस्सा हुआ करते थे| पर अब ऐसा नहीं होगा| ग्रुप 1 ओर ग्रुप 2 को ख़त्म कर दिया गया है| इसकी जगह अब 24 - वर्ल्ड ग्रुप 1 ओर 24 - वर्ल्ड ग्रुप 2 लेंगे|

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"मुकाबला ओर ज़्यादा रोमांचक हो गया है, एशिया में हम हमेशा से प्रभावी रहे हैं और इस नियम के आने से काफी कुछ बदल जाएगा| इस फॉर्मेट में कुछ बदलाव की ज़रूरत थी पर यह भारतीय टीम के लिए और मुश्किल हो जाएगा।'' : महेश भूपति , भारत के नॉन प्लेइंग कप्तान

अगले साल मार्च में हो रहे क्वॉलिफिएर्स में से जो 12 देश हारेंगे वह वर्ल्ड ग्रुप 1 प्लेऑफ के विजेता 12 टीमों के साथ वर्ल्ड ग्रुप 1 बनाएंगे| वैसे ही वर्ल्ड ग्रुप 1 प्लेऑफ में हारने वाली टीम और वर्ल्ड ग्रुप 2 प्लेऑफ में जीतने वाली टीमें, वर्ल्ड ग्रुप 2 बनाएंगी| प्लेऑफ और क्वॉलिफिएर्स साथ में मार्च 2020 में होंगे|

ITF यह बदलाव इसलिए कर रहा हैं क्योंकि अब डेविस कप के लिए बहुत कपटीशन हैं| वह अब डेविस कप को फिर से लोकप्रिय बनाना चाहते हैं| ऐसा करने में वह कितने सफल रहेंगे और कितने नहीं, यह तो बाद में ही पता चलेगा।" :ज़ीशान अली, भारत के डेविस कप कोच

ITF ने अपने बयान में कहा,"इस नए फॉर्मेट से ज़्यादा से ज़्यादा देशों को अंतराष्ट्रीय पैमाने पर एक दूसरे से टक्कर लेने का मौका मिलेगा जो उनके अनावरण के लिए अच्छा है|

अभी के फॉर्मेट के हिसाब से भारत, पाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, चीन, चाइनीज़ ताइपे , न्यूज़ीलैंड और कोरिया के साथ कम्पीट करता है जिनके पास ज़्यादा टॉप प्लेयर्स नहीं हैं तो हमे ज़्यादा दिक्कत नहीं होती थी पर अब ऐसा नहीं होगा और मुकाबला और ज़्यादा टक्कर का होते जाएगा|

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