तीन बार के राष्ट्रीय पैरा-तैराक चैंपियन का हुआ निधन, पिता का संघर्ष नहीं आया काम

तीन बार के पूर्व राष्ट्रीय पैरा-तैराक चैंपियन अमर्त्य चक्रवर्ती ने दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में अंतिम साँस ली

Update: 2022-04-21 14:11 GMT

 पैरा-तैराक अमर्त्य चक्रवर्ती

तीन बार के पूर्व राष्ट्रीय पैरा-तैराक चैंपियन अमर्त्य चक्रवर्ती का दिल्ली में निधन हो गया। पूर्व चैंपियन खिलाड़ी ने दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में अंतिम साँस ली। उनका निधन अचानक से आये कार्डिक अरेस्ट के कारण हुआ था। वे पिछले कई समय से बीमार चल रहे थे। उनके पिता अमितोष चक्रवर्ती उनका इलाज कराने के लिए पहले अपने गृह नगर हावड़ा से चेन्नई लेकर आये,उसके कुछ समय बाद वे अपने बेटे को दिल्ली लेकर आये लेकिन वे अपने बेटे को बचा नहीं सके।

पिता ने किया संघर्ष

अमितोष ने अपने बेटे को बचने के लिए काफी संघर्ष किया। उन्होंने अपनी सारी पूँजी अपने बेटे के इलाज में लगे दिए। फ़िलहाल अमितोष की वित्तीय हालत इतनी खराब हो गई है कि वह अपने बेटे के पार्थिव शरीर को दिल्ली से पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के सालकिया में अपने गृह नगर लेने जाने के लिए वित्तीय मदद की गुहार लगा रहे हैं।

वही उन्होंने कहा ''यह भारत में राष्ट्रीय चैंपियन की हालत है और ऐसा व्यक्ति जिसे 2017 पैरा राष्ट्रीय चैंपियनशिप में सर्वेश्रेष्ठ तैराक चुना गया। हमने पीसीआई, खेल मंत्री और कई और लोगों को पत्र लिखे लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। अगर हमें वित्तीय सहायता मिल जाती तो उसे बचाया जा सकता था। चेन्नई में निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने मुझे कहा था कि उसका इलाज हो सकता है लेकिन मैं बेहतर उपचार का खर्च नहीं उठा सकता था।''


पीसीआई ने मदद के लिए इंकार किया

वही इस मामले को लेकर पीसीआई के महासचिव गुरशरण सिंह ने कहा कि उनका संगठन पैरा खिलाड़ियों की वित्तीय मदद नहीं कर सकता ,क्योंकि वह स्वयं सरकार और अन्य के अनुदान पर चल रहा है। कई बार पीसीआई के पास अपना काम चलाने के लिए भी पैसे नहीं होते और ऐसी स्थिति में हम कैसे खिलाड़ियों को वित्तीय मदद की पेशकश कर सकते हैं। हमारा मुख्य लक्ष्य देश में पैरा खेलों को बढ़ावा देना है और हमें सीमित संसाधनों का इस्तेमाल इसी दिशा में करना है। अगर हमारे पास पर्याप्त पैसा होता तो हम अपने खिलाड़ियों की मदद करते लेकिन दुर्भाग्य से हम ऐसी स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि हमारे वित्तीय संसाधन सीमित हैं।

तीन बार बने राष्ट्रीय चैंपियन

राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 30 पदक जीतने वाले चैंपियन तैराक ने अस्थायी विकलांगता श्रेणी के तहत वर्गीकृत होने के बाद 2015 और 2017 के बीच सब-जूनियर और जूनियर स्तरों में अपनी छाप छोड़ी थी। लेकिन दिसंबर 2017 में दुबई में होने वाले एशियाई युवा पैरा खेलों में उनकी विकलांगता के विरोध के कारण उन्हें प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसके तुरंत बाद उन्हें अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) द्वारा अपात्र घोषित कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने फिर वापसी की और राष्ट्रीय स्तर पर तीन प्रतिस्पर्धा अपने नाम की।

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