मौत से लड़कर वापस आई गजल ने दिव्यांग क्रिकेटरों के लिए समर्पित कर दी पूरी जिंदगी, जानें पूरी कहानी

गजल व्हीलचेयर क्रिकेट के प्रचार में शामिल होने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला हैं।

Update: 2023-04-02 08:35 GMT

क्रिकेट की दुनिया में दिव्यांगजनों खिलाड़ियों को नए मुकाम तक पहुंचाने वाली गजल खान ने अपनी पूरी जिंदगी दिव्यांगो को

को समर्पित कर दी हैं।

भारत में दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया (डीसीसीबीआई) की सीईओ का पद संभाल रही गजल व्हीलचेयर क्रिकेट के प्रचार में शामिल होने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला हैं।

उत्तर प्रदेश की रहने वाली 28 वर्षीय गजल को दूसरी जिंदगी मिली हैं, जिसे उन्होंने दिव्यांगों के लिए समर्पित कर दिया हैं।

दरअसल 2015 को गजल जब एमबीए के दूसरे सेमेस्टर के एग्जाम की तैयारी कर रही थीं तो उनका ब्लड प्रेशर अचानक डाउन हो गया था। उस वक्त गजल स्कूटर चला रही थीं। ब्लड प्रेशर घटते ही गजल बेहोश होकर गाड़ी से गिर गईं। इसके बाद उन्हें आगरा के एक अस्पताल में एडमिट किया गया, जहां 9 दिन बाद उन्हें होश आया। 20 दिन अस्पताल में रहने के बाद डॉक्टरों ने गजल ने उन्हें लगभग मृत घोषित कर दिया था।

इन सबके के बावजूद गजल ने हार नहीं मानी और मौत को चकमा देकर वापसी कर ली। हालाकि इन सबमें उन्होंने अपनी सुन्दरता खो दी थी। यहां तक कि आइने वह खुद को पहचान तक नही पा रही थी।

बता दें कि गजल के पिता हारून राशिद भारतीय टीम के मशहूर तेज गेंदबाज थे। उन्हें भी एक दुर्घटना में घायल होने के बाद डॉक्टरों की सलाह पर क्रिकेट छोड़ना पड़ा। जिसके बाद हारून रशीद ने दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया की स्थापना की ताकि दिव्यांगजनों अपने खेलने के हौसले को बढ़ा सके।

पिता के साथ गजल ने भी इस मुहिम में साथ दिया।

गजल ने कहा, "मैंने 2015 में पहले एशिया कप के दौरान उनकी मदद की थी। इससे मुझे विकलांग क्रिकेटरों के साथ दोस्ताना संबंध बनाने में भी मदद मिली।"

गौरतलब है कि गजल ने करीब चार साल पहले दिव्यांग प्रीमियर लीग डीपीएल टी-20 लॉन्च किया था। गजल के मुताबिक उनका लक्ष्य विकलांग क्रिकेटरों को ऊंचाई पर पहुंचाने का है। उनकी कोशिशों के चलते आईपीएल की तर्ज पर दुबई के शारजाह इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में 2021 में 6 टीमों के बीच दिव्यांग प्रीमियर लीग आईपीएल खेला गया।

Similar News