Commonwealth Games 2022: जिंदगी में तमाम चुनौतियों का सामना करके राष्ट्रमंडल खेलों तक पहुंची जूडो खिलाड़ी तूलिका मान, अब रजत पदक जीतकर बढ़ाया देश का मान

महज साल 7 की उम्र में हो गई थी पिता की हत्या, मां ने उनको और छोटी बहन को पालकर यहां तक पहुंचाया

Update: 2022-08-04 05:47 GMT

जिंदगी में चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थितियों क्यों न हो यदि आप कुछ अच्छा और साहसी करने का ठान लो तो आप कुछ करके ही दम लेते हैं। कुछ ही ऐसी साहसी कहानी है भारत की जूडो खिलाड़ी तूलिका मान की। जिन्होंने विभिन्न विपरीत का परस्थितियों का सामना करके बुधवार को राष्ट्रमंडल खेलों में देश के लिए पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है। आइये जानते देश की इस साहसी और बहादुर खिलाड़ी के बारे में विस्तार से। 

इस साहसी जूडो खिलाड़ी का जन्म देश की राजधानी नई दिल्ली के नजफगढ़ के एक परिवार में हुआ था। उनकी एक छोटी बहन भी है। उनका बचपन काफी तंगहाली में गुजरा। तुलिका को एक बचपन में एक ही बहुत बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ा। जब महज 7 साल की उम्र में उनके पिता की हत्या हो गई। जिसके बाद उन पर पिता का साया मिक गया। इस घटना के बाद उनकी मां ने ही उनको और उनकी छोटी बहन को पाला। 

तूलिका की मां पुलिस में कार्यरत थी। वह सुबह अपनी नौकरी के लिए रवाना हो जाती थी और अपनी दोनों बेटियों को घर पर छोड़ जाती थी। जहां दोनों बेटियां दिनभर साथ रहती थी। इस दौरान तुलिका काफी बोर हुआ करती थी। तभी उनके एक दोस्त ने उन्हें जूडो सीखने की सलाह दी। तूलिका ने इस सलाह को गंभीरता से लिया और जूडो क्लास ज्वाईन कर ली। 

उन्होंने थोड़े समय में ही इस खेल में महारथ हासिल कर ली और टूर्नामेंट जीतकर पदक पर कब्जा करना शुरू कर दिया और कुछ समय ही जूडो को अपना करियर बनाने की ठान ली। तूलिका  ने जल्द ही पहले राज्य स्तर की प्रतियोगिता में शिरकत करना शुरू की और फिर राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताओं में शिरकत करना शुरू की। 

उन्होंने साल 2017 में बुडापेस्ट में पहली बार विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया था। जहां उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसके बाद साल 2018 में उन्होंने जयपुर में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप जीती थी। उन्होंने ताइपे में एशियन ओपन में कांस्य पदक अपने नाम किया था। इसके बाद 2019 में वॉलशाल में वो राष्ट्रमंडल चैंपियन बनी थीं। उन्होंने एशियन अंडर 21 का खिताब भी अपने नाम किया। अब तूलिका ने एक बार फिर राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है। 

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