यूगांडा पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल 2019 में भारत को 11 ख़िताब

Update: 2019-04-29 07:29 GMT

 भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों ने अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए यूगांडा पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल 2019 में 11 स्वर्ण पदक जीतते हुए ख़िताब हासिल किये।

पुरुषो की SL3 एकल केटेगरी में शीर्ष वरीयता वाले प्रमोद भगत ने अपने साथी खिलाडी उमेश विक्रम कुमार को फाइनल में 28 मिनट में 24-22 21-10 से हराकर टाइटल अपने नाम किया। इससे पूर्व प्रमोद ने सेमी फाइनल में भारत के ही मनोज सरकार को 20-22 21-14 21-17 से और क्वार्टर फाइनल में नितेश कुमार को 22-20 21-17 से हराया था। अपने फाइनल तक के सफर में उमेश ने सेमी फाइनल में दूसरी वरीयता वाले जापान के दाईसुके फुजिहारा को 21-11 21-15 से और क्वार्टर फाइनल में कनाडा के पेड्रो पाब्लो डी वेनेटिया को 21-13 21-12 से हराया था। मनोज ने प्रमोद से सेमी फाइनल में हारने से पहले क्वार्टर फाइनल में फ्रांस के मैथ्यू थॉमस को 21-17 21-14 से हराया था। नॉक आउट स्टेज से पहले राउंड रोबिन मुक़ाबले में प्रमोद, मनोज और उमेश ने अपने-अपने ग्रुप में तीनो मैच जीत कर शीर्ष पर रहे थे वही नितीश अपने ग्रुप में 2 जीत और 1 हार के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे।

प्रमोद भगत चित्र : बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन

पुरुषो की ही SL4 एकल केटेगरी के फाइनल में शीर्ष वरीयता पाने वाले तरुण ने दूसरी वरीयता वाले भारत के ही सुकान्त कदम को 21-12 22-20 से हराया। तरुण को यह मैच जितने में सिर्फ 21 मिनट का ही टाइम लगा। तरुण ने सेमी फाइनल में साथी खिलाडी सुहास यतिराज को 21-13 21-9 से हराया था, क्वार्टर फाइनल में तरुण को बाई मिला था। वही सुहास ने इस हार से पूर्व क्वार्टर फाइनल में पोलैंड को डेनिस को 21-9 21-10 से हराया था। तरुण की ही तरह सुकान्त को भी क्वार्टर फाइनल में बाई मिला था, सेमी फाइनल में उनका मुक़ाबला रूस के ओलेग डोन्त्सोव से था जिसे उन्होंने सीधे गेमों में 21-16 19-21 22-20 जीता। इससे पूर्व तीनो भारतीय खिलाड़ियों ने अपने-अपने ग्रुप में अपराजित रहकर नॉक आउट स्टेज में जगह बनायीं थी।

 पुरुष एकल की SS6 केटेगरी में नागर कृष्णा और राज मगोत्रा ने अपने अपने ग्रुप में टॉप करते हुए सेमी फाइनल में जगह बनायीं थी, नागर और राज को क्रमश पहली और दूसरी वरीयता मिली थी। सेमी फाइनल में नागर ने पेरू के हेक्टर जीसस को 21-6 21-11 से हराते हुए फाइनल में जगह बनायीं थी जहा उनका मुक़ाबला राज से होना था जिन्होंने एक और अन्य सेमी फाइनल में केन्या के अन्थोनी ओजवांग ओटवाल को 21-10 21-9 से हराया था। फाइनल में नागर ने तीन गेमों तक चले लम्बे मुक़ाबले को 20-22 21-13 21-19 से जीतकर मैच और टाइटल अपने नाम किया।

 पुरुषो की SU5 एकल केटेगरी का टाइटल चिराग बरेठा ने किया, उन्होंने फाइनल में अपने साथी खिलाडी राज कुमार को 16-21 21-17 21-18 से हराया। गैर वरीय चिराग ने फाइनल तक के सफर में क्वार्टर फाइनल में ब्राज़ील के जेरार्दो डा सिल्वा ओलिवेरा को 21-14 21-7 हराया था, सेमी फाइनल में उनका मुक़ाबला शीर्ष वरीय इंडोनेशिया के बरतलोमिआज़ मरोज़ से था, चिराग ने इस मैच को सीधे गेमों में 25-13 21-19 से जीता था। राज कुमार ने भी अपने फाइनल तक के अभियान में सेमी फाइनल में दूसरी वरीयता प्राप्त फ्रांस के मेरिल लॉकेट को 22-20 21-14 से हराया था, वही क्वार्टर फाइनल में उन्होंने भारत के ही राकेश पांडे को 21-14 21-19 से हराया था। राकेश और राजकुमार ने अपने राउंड रोबिन मुक़ाबलों में ग्रुप में शीर्ष पर रहते हुए मैन राउंड में जगह बनायीं थी, चिराग ने अपने ग्रुप में दूसरे स्थान पर रहते हुये नॉक आउट स्टेज में प्रवेश किया था, उन्हें ग्रुप में एक मात्रा हार शीर्ष वरीय इंडोनेशिया के बरतलोमिआज़ मरोज़ से मिली थी जिन्हे बाद में उन्होंने सेमी फाइनल में हराया था। सुमित कुमार गर्ग ने भी राउंड रोबिन मुक़ाबलों के दौरान अपने ग्रुप में दूसरे स्थान पर रह कर मैन राउंड में जगह बनायीं थी, जहा उनका सफर क्वार्टर फाइनल में शीर्ष वरीय बरतलोमिआज़ ने 21-4 21-12 से हराकर ख़त्म किया था, सुमित ने अपने पहले राउंड में जर्मनी के फ्रैंक डीटेल को 21-13 21-11 से हराया था।

 पुरुषो की ही WH1 एकल में प्रेम कुमार मैन राउंड में क्वालीफाई करने वाले इकलौते भारतीय थे, उन्होंने राउंड रोबिन मैचों के दौरान अपने ग्रुप में दूसरे स्थान पर रहते हुए नॉक आउट स्टेज में जगह बनायीं थी जहाँ क्वार्टर फाइनल में उनका मुक़ाबला तीसरी वरीयता प्राप्त ब्राज़ील के मार्सेलो अल्वेस से था, प्रेम कुमार ने इस मैच को 21-17 19-21 21-15 से जीतते हुए सेमी फाइनल में प्रवेश किया था जहा उन्हें दूसरी वरीयता प्राप्त फ्रांस के डेविड टॉप ने 21-14 21-19 से हराया। सुरेश कुमार कार्की अपने ग्रुप में सबसे निचे रहते हुए मैन राउंड में जगह नहीं बना पाए थे।

 पुरुषो WH2 एकल केटेगरी में तीसरी वरीयता प्राप्त संजीव कुमार ने फाइनल में शीर्ष वरीय इजराइल के आमिर लेवि को 21-15 21-12 से लगातार गेमों में हराकर टाइटल अपने नाम किया। संजीव को इससे पहले सेमी फाइनल में फ्रांस के थॉमस जकोब्स से मैच जितने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी, संजीव ने यह मैच 22-24 21-16 21-14 से जीता था। इससे पूर्व संजीव ने क्वार्टर फाइनल में नाइजेरिया के सेई ददा डिक्सन को 21-5 21-7 से हराया था। भारत के ही अबू हूबेदा को क्वार्टर फाइनल में थॉमस जकोब्स ने 21-18 21-13 से हराया था।

 महिलाओं की SL3 एकल फाइनल में एक बार फिर आल-इंडियन फाइनल देखने को मिला जब शीर्ष वरीय पारुल दलसुखभाई परमार ने अपनी ही साथी खिलाड़ी और दूसरी वरीयता प्राप्त मानसी गिरीशचंद्र जोशी को 21-14 21-12 से हराया। पारुल को यह मैच जितने में सिर्फ 25 मिनट लगे। इससे पूर्व दोनों ही भारतीय खिलाडियों ने राउंड रोबिन मुक़बालो के दौरान अपने-अपने ग्रुप में शीर्ष पे रहते हुए नॉक आउट स्टेज में जगह बनायीं थी, पारुल ने सेमी फाइनल में फ्रांस की कैथरीन नौदिन को 21-9 21-5 से तथा मानसी ने बेनिन की एवलिन काकपो को 21-2 21-6 से हराया था।

पारुल दलसुखभाई परमार चित्र : बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन

 महिला एकल के SL4 केटेगरी में ज्योति अपने राउंड रोबिन मुक़ाबले के दोनों मैच हारते हुए मैन राउंड में जगह नहीं बना पायी।

महिला एकल की ही SU5 केटेगरी में पलक कोहली को फाइनल में शीर्ष वरीय तुर्की(टर्की) की ज़ेहरा बगलर ने 21-12 21-11 से हराया। सेमी फाइनल में पलक ने भारत की ही आरती जानोबा पाटिल को 21-14 21-7 से हराया था।

महिला एकल की WH2 केटेगरी में अम्मू मोहन को सेमी फाइनल में शीर्ष वरीय पेरू की पिलर जौरेकी कंसीनो ने 21-7 21-5 से हराया था। अम्मू ने राउंड रोबिन मुक़ाबलों के दौरान अपने ग्रुप में दूसरे स्थान पर रहते हुए मैन राउंड के लिए क्वालीफाई किया था।

 पुरुषो की युगल स्पर्धा में SL3 - SL4 केटेगरी का टाइटल भारत के प्रमोद भगत और मनोज सरकार ने जीता, तीसरी वरीय भारतीय जोड़ी ने फाइनल में शीर्ष वरीय फ्रांस के गुइलॉम गैल्ली और मैथ्यू थॉमस को 21-13 21-11 से हराया। भारतीय जोड़ी को यह मैच जितने में सिर्फ 22 मिनट लगे। इससे पूर्व सेमी फाइनल में प्रमोद-मनोज ने दूसरी वरीय भारत के तरुण और नितेश कुमार को 19-21 21-18 21-15 से कड़े मुक़ाबले में हराया था, वही क्वार्टर फाइनल में यूगांडा के ही हसन कामोगा और जूलियस मासेरेका को 21-9 21-7 से हराया था। तरुण-नितीश ने सेमीफइनल में हार से पूर्व क्वार्टर फाइनल में भारत के ही उमेश विक्रम कुमार और सुहास यतिराज 17-21 21-17 21-13 से हराया था। प्रमोद का इस चैंपियनशिप में यह दूसरा टाइटल है, इससे पूर्व उन्होंने एकल स्पर्धा का स्वर्ण भी अपने नाम किया था।

 SL3 - SL4 की ही तरह SU5 केटेगरी का पुरुष युगल का टाइटल भारत के नाम ही गया। शीर्ष वरीय राकेश पांडे और राज कुमार की जोड़ी ने आल-इंडियन फाइनल में गैर वरीय चिराग बरेठा और सुमित कुमार गर्ग की जोड़ी को 21-15 21-17 से सीधे गेमों में जीतकर टाइटल अपने नाम किया। क्वार्टर फाइनल में बाई मिलने के बाद राकेश-राज ने सेमी फाइनल में तीसरी वरीयता प्राप्त ब्राज़ील के एडुआर्डो ओलिवेरा और रोजेरो जूनियर ज़ेवियर डी ओलिवेरा को 21-5 21-9 से हराया था। चिराग-सुमित ने क्वार्टर फाइनल में रूस के ओलेग डोन्त्सोव और पावेल कुलिकोव को 19-21 21-13 21-10 से हराने के बाद सेमी फाइनल में फ्रांस के मेरिल लॉकेट और इंडोनेशिया के बरतलोमिआज़ मरोज़ की दूसरी वरीय जोड़ी को 19-21 21-18 21-18 से हराया था।

 भारत को पुरुष युगल का तीसरा ख़िताब SS6 केटेगरी में मिला, नागर कृष्णा और राजा मगोत्रा राउंड रोबिन में सारे मैच जितने के बाद ख़िताब अपने नाम किया।

 पुरुष युगल के WH1 - WH2 केटेगरी में प्रेम कुमार अले और अबू हूबेदा को क्वार्टर फाइनल में जर्मनी के यंग चीन मी और थॉमस वांडसचनिदेर की तीसरी वरीय जोड़ी ने 21-9 21-8 से हराया।

 महिला युगल के SL3 - SL4 केटेगरी में पारुल दलसुखभाई परमार और पलक कोहली की जोड़ी ने फाइनल में भारत की मानसी गिरीशचंद्र जोशी और तुर्की की ज़ेहरा बगलर को 21-15 16-21 21-15 से हराकर टाइटल अपने नाम किया। पारुल का इस प्रतियोगिता में यह दूसरा टाइटल है, उन्होंने इससे पहले SL3 एकल का ख़िताब भी अपने नाम किया था। मानसी-ज़ेहरा ने क्वार्टर फाइनल में भारत की ही आरती जानोबा पाटिल और फ्रांस की कैथरीन नौदिन की जोड़ी को 21-8 21-10 से हराया था, सेमी फाइनल में उनका मुक़ाबला शीर्ष वरीय यूगांडा की खदीजा खामुका और रोज नानसेरको से हुआ, जिसे भारतीय-तुर्की जोड़ी ने 21-11 21-6 से अपने नाम किया। पारुल-पलक ने क्वार्टर फाइनल में केन्या की आशा और एलिज़ाबेथ की जोड़ी को 21-3 21-4 से हराया था, सेमी फाइनल में भारतीय जोड़ी का सामना दूसरी वरीयता प्राप्त जर्मनी की थोरी विबेन और स्कॉटलैंड की मैरी मार्गरेट विल्सन से हुआ जिसे भारतीय जोड़ी ने 21-16 21-14 से जीता।

 पारुल ने इस प्रतियोगिता खिताबों की हैटट्रिक लगायी, उन्होंने मिश्रित युगल SL3-SU5 का टाइटल राजकुमार के साथ जीतते हुए यह उपलब्धि हासिल की। शीर्ष वरीय इस भारतीय जोड़ी ने फाइनल में दूसरी वरीयता प्राप्त फ्रांस के गुइलॉम गैल्ली और स्कॉटलैंड की मैरी मार्गरेट विल्सन को 21-16 21-10 से हराया। क्वार्टर फाइनल में पारुल-राजकुमार नाइजेरिया के राफीओ-चिंयेरे की जोड़ी को 21-12 21-11 से हराया था वही, सेमी फाइनल में उन्होंने एक और भारतीय जोड़ी राकेश पांडे और मानसी गिरीशचंद्र जोशी ने को 21-19 21-12 से हराया था। सेमी फाइनल में हारने से पहले राकेश-मानसी ने क्वार्टर फाइनल में भारत के ही नितेश कुमार और पलक कोहली को 21-12 21-12 से हराया था। भारत के ही तरुण और ज्योति की जोड़ी को क्वार्टर फाइनल फ्रांस के गुइलॉम गैल्ली और स्कॉटलैंड की मैरी मार्गरेट विल्सन ने 21-15 21-12 से हराया था। एक और क्वार्टर फाइनल में भारत के चिराग बरेठा और केन्या की एलिज़ाबेथ को जर्मनी की टीम हालेर और थोरी वेबिन ने 21-17 15-21 21-18 से हराया था।

 बैडमिंटन को 2020 के टोक्यो पैरालम्पिक खेलों में पहली बार शामिल किया गया है, भारतीय खिलाड़ियों का लगातार उच्च प्रदर्शन पैरालम्पिक्स में देश को पदक दिलाने बहुत ही मददगार सकता है।

Similar News