Wrestlers Protest: मुझे फांसी पर चढ़ा दो, लेकिन कुश्ती की गतिविधियों को मत रोको - बृजभूषण शरण सिंह

बृजभूषण ने कहा कि राष्ट्रीय कैडेट चैंपियनशिप का आयोजन जो चाहे कर सकता है और डब्ल्यूएफआई को इस पर कोई आपत्ति नहीं है

Update: 2023-05-01 15:14 GMT

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने सोमवार को कहा कि देश के शीर्ष पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के कारण पिछले चार महीने से खेल की सभी गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं। डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने इसके साथ ही कहा कि वह फांसी के लिए तैयार हैं लेकिन कुश्ती की गतिविधियां नहीं रुकनी चाहिए क्योंकि इससे कैडेट और जूनियर पहलवानों को नुकसान हो रहा है।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले चार महीनों से कुश्ती की सभी गतिविधियां ठप पड़ी हैं। मैं कहता हूं कि मुझे फांसी दे दो लेकिन कुश्ती की गतिविधियों को मत रोको। बच्चों के भविष्य से मत खेलो। कैडेट की राष्ट्रीय चैंपियनशिप को होने दो चाहे कोई भी इसे आयोजित करें.. चाहे वह महाराष्ट्र हो, तमिलनाडु या त्रिपुरा लेकिन कुश्ती की गतिविधियों को मत रोको।’’

भारत के शीर्ष पहलवान इन दिनों दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, और कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। इन खिलाड़ियों में मुख्य रूप से बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट शामिल हैं। पहलवानों ने बृजभूषण पर महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पहलवानों का कहना है कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ तब तक अपना विरोध जारी रखेंगे, जब तक कि उन्हें सलाखों के पीछे नहीं भेज दिया जाता। इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन को राजनीतिक समर्थन भी मिलने लगा है।

भाजपा सांसद के खिलाफ दो प्राथमिकी भी दर्ज की गई हैं। पहली एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है, जिसे यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के साथ भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया है। दूसरी प्राथमिकी शिकायतों की व्यापक जांच के संबंध में दर्ज की गई है। 

बृजभूषण ने कहा कि राष्ट्रीय कैडेट चैंपियनशिप का आयोजन जो चाहे कर सकता है और डब्ल्यूएफआई को इस पर कोई आपत्ति नहीं है। जहां तक टूर्नामेंट का सवाल है तो फिर विरोध कर रहे पहलवान, आईओए या सरकार जो भी चाहे इसका आयोजन कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे (प्रदर्शनकारी पहलवानों, आईओए, सरकार) से अपील करता हूं कि आप राष्ट्रीय कैडेट चैंपियनशिप, राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप और अन्य टूर्नामेंट का आयोजन करो। यदि आप नहीं कर सकते तो फिर महासंघ इनका आयोजन कर सकता है।’’

बृज भूषण ने कहा, ‘‘एक बच्चा जो अभी 14 साल और नौ महीने का है वह तीन महीने में 15 साल का हो जाएगा और यदि वह 15 साल का हो जाएगा तो जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में नहीं खेल पाएगा। उन्हें ( प्रदर्शनकारी पहलवान, आईओए और सरकार) इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए। मुझे फांसी दे दो लेकिन बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ मत करो। राष्ट्रीय चैंपियनशिप होने दो, अभ्यास शिविर लगने दो।’’

बृज भूषण ने कहा, "इन लोगों के प्रदर्शन की वजह से काफी नुकसान हुआ है। ये कहते हैं कि इनका धरना कुश्ती को बचाने के लिए है, मगर इनकी वजह से जूनियर एशियन चैंपियनशिप भारत से चली गई और कजाकिस्तान में हुई। इनकी वजह से चलता हुआ एक नेशनल टूर्नामेंट रोक दिया गया और लड़कियों का कैंप जो लखनऊ में चल रहा था, उन्हें वापस जाना पड़ा। इनके कारण कैंप बंद है। खेल की गतिविधि 4 महीने से बंद हैं। इसके बाद एक कमेटी बनी। 3 महीने में जांच पूरी होने के बाद कमेठी भंग हो गई। कुश्ती से भी मैंने अपने आप को अलग कर लिया।''

खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ के सात मई को होने वाले चुनावों पर रोक लगा दी है तथा भारतीय ओलंपिक संघ ( आईओए) से इस खेल संस्था के कामकाज को देखने और 45 दिनों के अंदर चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने के लिए कहा है।

आईओए ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है जिसमें पूर्व निशानेबाज सुमा शिरूर और भारतीय वुशु संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा है। इस समिति के अध्यक्ष उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश होंगे जिनके नाम की अभी घोषणा नहीं की गई है।

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