Wrestlers Protest: 1983 विश्व कप विजेता टीम पहलवानों के समर्थन में

1983 विश्व कप विजेता टीम ने कहा कि वे चैम्पियन पहलवानों के साथ बदसलूकी की तस्वीरें देखकर काफी व्यथित हैं

Update: 2023-06-02 15:16 GMT

1983 विश्व कप विजेता टीम 

1983 विश्व कप विजेता भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्यों ने शुक्रवार को पहलवानों के समर्थन में उतरते हुए उनसे आनन फानन में कोई फैसला नहीं लेने का अनुरोध किया और उम्मीद जताई कि उनके मसलों को सुना जायेगा और उसका हल निकाला जायेगा।

एक संयुक्त बयान में 1983 विश्व कप विजेता टीम ने कहा कि वे चैम्पियन पहलवानों के साथ बदसलूकी की तस्वीरें देखकर काफी व्यथित हैं। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि कानून अपना काम करेगा।

भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों में गिरफ्तार करने की मांग को लेकर पिछले सप्ताह के अंत में विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया और कई अन्य पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने नए संसद भवन की ओर उनके मार्च के दौरान हिरासत में लिया था। जैसे ही प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की, एक भयंकर संघर्ष छिड़ गया - पहलवानों और पुलिस ने एक-दूसरे के साथ धक्का-मुक्की और हाथापाई की।

कुछ दिनों बाद, पहलवान गंगा नदी में अपने पदक छोड़ने के लिए हरिद्वार गए और इंडिया गेट पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने की बात कही। कई प्रमुख हस्तियों ने उनसे आग्रह किया, उन्होंने अपने पदक एक प्रमुख किसान नेता के पास जमा कर दिए और उनसे पदकों पर निर्णय लेने के लिए कहा।

वे इस बात से भी सबसे अधिक चिंतित हैं कि पहलवान अपनी गाढ़ी कमाई के पदक गंगा नदी में फेंकने की सोच रहे हैं।

1983 विश्व कप विजेता टीम ने पीटीआई को जारी बयान में कहा, ‘‘हम चैम्पियन पहलवानों के साथ बदसलूकी की तस्वीरें देखकर काफी व्यथित हैं । हमें इसकी काफी चिंता है कि वे मेहनत से जीते गए पदकों को गंगा में बहाने की सोच रहे हैं।’’

उन्होंने आगे लिखा, ‘‘इन पदकों के पीछे बरसों के प्रयास, बलिदान, समर्पण और मेहनत शामिल है । वे उनका ही नहीं बल्कि देश का गौरव हैं। हम उनसे अनुरोध करते हैं कि इस मामले में आनन फानन में फैसला नहीं ले और हम उम्मीद करते हैं कि उनकी शिकायतें सुनी जायेंगी और उनका हल निकाला जायेगा। कानून को अपना काम करने दीजिये।’’

कपिल देव की कप्तानी में विश्व कप 1983 जीतने वाली टीम में सुनील गावस्कर, मोहिदर अमरनाथ, के श्रीकांत, सैयद किरमानी, यशपाल शर्मा, मदन लाल, बलविंदर सिंह संधू, संदीप पाटिल, कीर्ति आजाद और रोजर बिन्नी थे। कपिल ने कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत तौर पर कुछ नहीं कहूंगा । 1983 की पूरी टीम का समर्थन उस बयान को है जो हमने जारी किया है।’’

जहां तक पहलवानों का मामला है, तो उन्हें कई पूर्व क्रिकेट खिलाड़ियों का समर्थन मिला है लेकिन सक्रीय खिलाड़ियों पर अक्सर मौन रहने का आरोप लगता हैं। महिला पहलवानों को क्रिकेट के अलावा बाक़ी खेलों से जुड़े बड़े खिलाड़ियों का समर्थन भी मिला है।

भाला फेंक में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा और ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत के लिये पहला पदक जीतने वाले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने भी नाराजगी जताई थी कि पहलवानों को इंसाफ के लिये सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।

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