एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप: जितेंदर कुमार ने जीता रजत, ओलंपिक क्वालीफायर में स्थान किया पक्का

Update: 2020-02-24 05:40 GMT

जितेंदर कुमार ने रविवार को यहां एशियाई चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने के साथ ओलंपिक क्वालीफायर के लिये भारतीय टीम में स्थान पक्का किया जिससे अनुभवी सुशील कुमार के लिये टोक्यो खेलों का द्वार बंद हो सकता है। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील ने चोट का हवाला देते हुए इस चैम्पियनशिप में भाग नहीं लिया। पुरूष फ्रीस्टाइल स्पर्धा के दूसरे दिन भारत के खाते में कोई स्वर्ण पदक नहीं जुड़ सका क्योंकि दीपक पूनिया (86 किग्रा) और राहुल अवारे (61 किग्रा) ने कांस्य पदक अपने नाम किये।

कजाखस्तान के गत चैम्पियन दानियार कैसानोव के खिलाफ जितेंदर ने शानदार रक्षात्मक रणनीति अपनायी लेकिन आक्रमण की कमी दिखायी दी जिससे वह गत चैम्पियन से 1-3 से हार गये। हालांकि उनका प्रदर्शन राष्ट्रीय महासंघ को भरोसा दिलाने के लिये काफी था कि उन्हें ओलंपिक क्वालीफायर के लिये किर्गिस्तान के बिशकेक जाना चाहिए और इस वर्ग के लिये दोबारा ट्रायल की जरूरत नहीं पड़ी। इसका मतलब है कि दो बार के ओलंपिक पदकधारी सुशील कुमार (वह भी 74 किग्रा में खेलते हैं) को इंतजार करके देखना होगा कि जितेंदर बिशकेक में कैसा प्रदर्शन करते हैं जिसमें फाइनल में पहुंचने वाला पहलवान टोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर लेगा। अगर जितेंदर वहां स्वर्ण पदक के मुकाबले तक पहुंच जाते हैं तो इससे सुशील का रास्ता बंद हो जायेगा जो 2018 एशियाई खेलों के बाद से जूझ रहे हैं।

अगर जितेंदर बिशकेक में ओलंपिक कोटा हासिल नहीं कर पाते हैं तो अंतिम मौका अप्रैल में विश्व क्वालीफाइंग प्रतियोगिता के जरिये मिलेगा। जितेंदर ने कहा, ''मैंने अंत में एक प्रयास करने की कोशिश की लेकिन ठीक से नहीं कर पाया। मेरे खेल में सुधार हुआ है और यह दिखता भी है। यह रजत विशेष है। अब मैं ओलंपिक कोटा हासिल करने के लिये कड़ी मेहनत करूंगा।'' जितेंदर ने अपना क्वालीफिकेशन मुकाबला आसानी से जीत लिया था। इसके बाद उन्होंने ईरान के मुस्तफा मोहाबाली हुसेनखानी और मंगोलिया के सुमियाबजार जांदनबड (2-1) को शिकस्त दी।

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बीबी शरण सिंह ने कहा, ''हम पुरूष फ्रीस्टाइल में किसी वर्ग में ट्रायल नहीं करायेंगे। हम देखेंगे कि बिशकेक में हमारे पहलवान कैसा प्रदर्शन करेंगे।'' वहीं विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता दीपक को 86 किग्रा सेमीफाइनल में जापान के शुतारो यामादा से हार का सामना करना पड़ा। दीपक ने टखने की चोट के कारण विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में ईरान के हसन याजदानी को वाकओवर दे दिया था और तब से यह उनकी पहली प्रतियोगिता है। इसा अब्दुलसलाम अब्दुलवहाब अल ओबैदी के खिलाफ कांस्य पदक की भिड़ंत में उन्होंने तकनीकी श्रेष्ठता से जीत हासिल की।

पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक हासिल करने वाले दीपक ने कहा, ''मैंने चोट की वजह से ज्यादा ट्रेनिंग नहीं की थी जो मुझे ट्रेनिंग के दौरान लगी थी। मेरी आंख के ऊपर छह टांके लगे थे। '' वहीं नूर सुल्तान में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले राहुल ने गैर ओलंपिक 61 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान के जाहोंगीरमिर्जा तुरोबोव पर 11-9 से जीत हासिल की। लेकिन वह सेमीफाइनल में किर्गिस्तान के उलुकबेक झोलदोशबेकोव से 3-5 से हार गये। उन्होंने कांस्य पदक के मुकाबले में ईरान के माजिद अलमास दास्तान को 4-2 से शिकस्त दी। सतेंदर ने 125 किग्रा वर्ग में अपना क्वालीफिकेशन मुकाबला जीता लेकिन वह क्वार्टर फाइनल और फिर रेपेचज दौर में हार गये। सोमवीर की 92 किग्रा वर्ग में चुनौती केवल 24 सेकेंड तक ही टिक सकी और वह उज्बेकिस्तान के प्रतिद्वंद्वी अजीनीयाज सापारनियाजोव से पराजित हुए।

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