तीरंदाजों ने चयन ट्रायल्स के दौरान बदइंतजामी की शिकायत की

Update: 2020-01-08 09:59 GMT

भारतीय तीरंदाजी संघ एक बार फिर से विवादों में घिरता नजर आ रहा है। इस बार उन पर सोमवार को 12 घंटे तक लगातार मैच कराने का आरोप लगा है। पुणे में चयन ट्रायल में भाग लेने वाले तीरंदाजों ने दावा किया है कि आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट कैंपस में ट्रायल के अंतिम दिन, उन्हें सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक तीरंदाजी करनी पड़ी थी।

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार 16 तीरंदाजों ने इस ट्रायल में भाग लिया, जिन्हें एक दिन में 15 मैच खेलने थे और दिन के खाने के बाद उन्हें केवल 30 मिनट का ब्रेक मिला। बदइंतजामी यहाँ भी खत्म नहीं हुई बल्कि आखिरी मैच खत्म होने तक, लोग रोशनी के नीचे लक्ष्य नहीं देख सके। एक अधिकारी ने मीडिया हाउस को यह भी बताया कि ट्रायल के दौरान खराब प्रबंधन चल रहा था। हालांकि, तीरंदाजों के इस व्यस्त कार्यक्रम और शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर, एएफआई के सहायक सचिव गुंजन अबरोल ने कहा कि यह कार्यक्रम केवल तीरंदाजों के साथ बात करने के बाद ही तय किया गया था।

आपको बता दें कि पुरुष और महिला वर्ग के आठ तीरंदाजों को चुनने के लिए पुणे में ट्रायल आयोजित किए गए थे, जो इस महीने के अंत में 12 अन्य लोगों के साथ एक अन्य ट्रायल में प्रतिस्पर्धा करेंगे। बीस तीरंदाजों में से शीर्ष 12 भारतीय टीम में जगह बनाएंगे, जो फिर ओलंपिक क्वालीफायर से आगे विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे।

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गौरतलब है कि दूसरे चरण के ट्रायल 4 से 7 जनवरी तक समाप्त हो चुके हैं। पिछले साल पहले चरण के ट्रायल में ही प्रतिस्पर्धा करने के बाद, दीपिका कुमारी, बोम्बायला देवी, अतानु दास और 21 अन्य तीरंदाजों को दूसरे चरण के ट्रायल से छूट दी गई थी। वे तीसरे चरण के ट्रायल्स में हिस्सा लेंगे जो 18 जनवरी से शुरू होने हैं।

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