खेलों के ट्रायल्स लगातार टलने की वजह से छात्रों की बढ़ गईं हैं दिक़्क़तें
अप्रैल या मई में शुरू होने वाले ट्रायल्स इस बार टलते-टलते अगस्त तक आ पहुंचे हैं| गुरु नानक स्टेडियम में ट्रायल्स इस सोमावार से ही शुरू हुए हैं| जो स्टूडेंट्स 'स्पोर्ट्स केटेगरी' के अंदर एडमिशन लेते हैं उनको इस देरी के कारण काफी नुकसान हो रहा है| राज्य सरकार जो सेवाएं प्राप्त करवाती है अब वो सेवाएं ये छात्र नहीं उठा पा रहें हैं जो उनकी नाराज़गी का कारण बन गया है| सौजन्य- द ट्रिब्यून करीब 17 कैटेगरीज़ में बच्चों ने भाग लिया जिसमें से एक ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को दिए बयान में कहा है कि ट्रायल्स तब हो रहे हैं जब हमने कॉलेज में दाखिला ले लिया है और फीस भी जमा कर दी है| एक और प्रतिभागी जो एथेलेटिक्स में भाग ले रहा था, उसने कहा है कि पिछले साल की तरह अगर ट्रायल्स अप्रैल में होते तो शहर के कॉलेज में दाखिला मिल जाता और एक पैसा भी नहीं लगता और साथ ही साथ इवेंट्स पर कोचेस से ट्रेनिंग अलग मिलती| राज्य सरकार और जिला प्रशासन एक दूसरे पर वार कर रही है पर बीच में छात्र पिस रहे हैं| पंजाब खेल मंत्रालय के अधिकारी करतार सिंह ने एक अंग्रेज़ी अख़बार को दिए बयान में कहा कि हमारे डिपार्टमेंट की तरफ़ से ट्रायल्स करवाने के लिए पहले ही बोला जा चुका था पर यह जिला प्रशासन कि गलती की वजह से टला है| अब गलती राज्य सरकार की है या फिर जिला प्रशासन की वो तो वही तय कर सकते हैं पर इस लापरवाही के चलते जिन छात्रों का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई कोन करेगा?