ओलंपिक से पहले नाडा ने बायोलॉजिकल पासपोर्ट कार्यक्रम किया शुरू

Update: 2019-12-11 07:46 GMT

मंगलवार को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने एक महत्वाकांक्षी एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट कार्यक्रम शुरू किया है, जिससे राष्ट्रीय व राज्य स्तर के एथलीटों और ओलंपिक-बद्ध खिलाड़ियों के डोपिंग के बारे में आसानी से पता चल पायेगा। मंगलवार को नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने इस बारे में जानकारी दी है। इस अवसर पर अभिनेता सुनील शेट्टी को नाडा का नया ब्रैंड एम्बेसडर भी नियुक्त किया गया। इस मौके पर केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू भी वहां मौजूद थे।

यह डोपिंग रोधी एजेंसियों को प्रत्येक खिलाड़ी की व्यक्तिगत जानकारी हासिल करने की अनुमति देता है जिसके माध्यम से प्रदर्शन-बढ़ाने वाली दवाओं या विधियों के उपयोग का पता चल सकेगा। इस संबंध में नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने कहा, "हमने एक एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट (एबीपी) कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके उपयोग से हम किसी एथलीट के शरीर के कई मापदंडों का अध्ययन कर सकते हैं। एबीपी का उपयोग करके हम किसी भी समय एक एथलीट द्वारा डोपिंग जान सकते हैं। जब एक एथलीट डोप करता है तो उसके शरीर के पैरामीटर बदल जाते हैं। शरीर के कुछ पैरामीटर इस तरह के हैं कि खून या मूत्र के नमूनों में बाद में भी पकड़े जा सकते हैं क्योंकि वे लंबे समय तक शरीर में रहते है।"

नवीन अग्रवाल ने आगे बताया कि एबीपी कार्यक्रम इसलिए शुरू किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि टोक्यो ओलंपिक के दौरान कोई भी भारतीय खिलाड़ी डोपिंग मामले में ना पकड़ा जाए। उन्होंने कहा, "हम उन सभी टोक्यो-बाध्य एथलीटों की एबीपी तैयार कर रहे हैं ताकि कोई भी वहां डोपिंग के लिए पकड़ा न जाए। इसके अलावा, वह (एबीपी) उन्हें सुविधा देगा ताकि टोक्यो में एक और परीक्षण करने की आवश्यकता न हो।"

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