वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप: पुरुष रिकर्व टीम को रजत, महिला कंपाउंड टीम और ज्योति ने जीते कांस्य पदक

Update: 2019-06-17 10:29 GMT

भारतीय पुरुष रिकर्व टीम को 2019 वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप के आखिरी दिन फाइनल में चीन से हारते हुए रजत पदक से संतोष करना पड़ा। 14 साल बाद फाइनल में पहुंची अतानु दास, तरुणदीप राय और प्रवीण रमेश जाधव की 11वी वरीय भारतीय टीम को पांचवी चीन ने 6-2 से हराया। पहले सेट में चीन ने 53 अंक जोड़े और भारत को आखिरी शॉट में सेट जितने के लिए सिर्फ 9 अंक की ज़रुरत थी लेकिन अतानु दास का तीर 8 अंक की रिंग में लगा और स्कोर 53-53 से बराबर रहा और दोनों टीमों को 1-1 अंक मिला।

दूसरे सेट में चीन के 58 के समक्ष भारतीय टीम सिर्फ 51 स्कोर कर पायी और चीन को 3-1 एक बढ़त मिल गयी। तीसरे सेट में फिर दोनों टीमें 56-56 की बराबरी पर रही और स्कोर 4-2 से भारत के पक्ष में रहा। भारत को गेम में रहने के लिए अंतिम सेट जीतना ज़रूरी था लेकिन भारतीय टीम सिर्फ 52 अंक ही जोड़ सकी, वही चीन ने 57 अंक जोड़ते हुए 6-2 से गेम और स्वर्ण पदक अपने नाम किया। भारतीय टीम को रजत पदक मिला। प्रतियोगिता का कांस्य दक्षिण कोरिया ने मेज़बान नेदरलॅंड्स को हराकर अपने नाम किया। चीन का यह पुरुष रिकर्व टीम स्पर्धा का पहला विश्व चैंपियन पदक है। मैच के बाद भारतीय टीम के अनुभवी तीरंदाज़ तरुणदीप राय ने कहा कि

"यह कोई इतना भी बुरा नहीं है। हम फाइनल में हारे है और यह हमारे लिए बहुत ही बड़ा मौका था। लेकिन हम अपने पदक का रंग बदलने में नाकामयाब रहे। हमने इस प्रतियोगिता से बहुत कुछ सीखा है जो आगे भविष्य में हमे अपने पदक का रंग बदले में मदद करेगा।"

इससे पूर्व शनिवार को भारतीय महिला कंपाउंड टीम और ज्योति सुरेख वेनम ने अपने अपने मुक़ाबलों में कांस्य पदक हासिल किये थे। मुस्कान किरार, राज कौर और ज्योति सुरेखा वेनम की तीसरी वरीय कंपाउंड महिला टीम ने चौथी वरीय टर्की को 229-226 से हराते हुए प्रतियोगिता में भारत का पहला पदक जीता था। पहले सेट के बाद 55-57 से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम ने शानदार वापसी करी और अगले तीनो सेट 58 अंको के साथ ख़त्म किये वही टर्की की टीम 53, 58, 58 अंक ही हासिल कर पायी। प्रतियोगिता का स्वर्ण चीनी ताइपे ने अमेरिका को हराकर जीता।

चित्र :वर्ल्ड आर्चरी

दिन में कंपाउंड महिला व्यक्तिगत वर्ग के कांस्य पदक मुक़ाबले में ज्योति का मुक़ाबला टर्की की येसिम बोस्टन से था। अपना दूसरा विश्व चैंपियनशिप पदक जितने के लिए ज्योति को कड़ी म्हणाल करनी पड़ी। पहले सेट से ही दोनों तीरंदाजों के बीच कड़ा मुक़ाबला चल रहा था। पहला सेट 29-29 की बराबरी पर रहा लेकिन दूसरे सेट ज्योति ने दोबारा 29 अंक जोड़े वही येसिम 28 अंक जोड़ पायी और ज्योति को 58-57 की बढ़त हासिल हुयी। तीसरे सेट में येसिम ने जहा 2 परफेक्ट स्कोर करते हुए 30 अंक बटोरे वही ज्योति फिर से 29 अंक ही जोड़ सकी और मैच फिर से 87-87 के स्कोर के साथ बराबरी पे आ गया। चौथे सेट में ज्योति का प्रदर्शन थोड़ा निराशाजनक रहा और वह सिर्फ 28 अंक ही जोड़ पायी वही येसिम ने फिर से 2 परफेक्ट स्कोर करते हुए 30 अंक जोड़े और 117-115 से मैच को लगभग अपने नाम कर लिया।

लेकिन पाचवे और अंतिम सेट में वह अपना प्रदर्शन दोहरा नहीं पायी और सिर्फ 28 अंक ही स्कोर कर सकी वही ज्योति ने 2 परफेक्ट स्कोर के साथ 30 अंक जोड़े और मैच 145-145 से बराबरी पर रहा। विजेता निश्चित करने के लिए मैच में टाई ब्रेकर शूट ऑफ हुआ जिसे ज्योति ने 10-9 से प्रतियोगिता का दूसरा पदक अपने नाम किया। स्पर्धा का स्वर्ण रूस की नतालया अवदीवा ने अमेरिका की पैगे पेअर्स को हराकर जीता। विश्व चैंपियनशिप का अंत भारत ने 1 रजत और 2 कांस्य पदको के साथ किया, इसी के साथ-साथ भारत ने आगामी टोक्यो 2020 ओलम्पिक खेलो के पुरुष रिकर्व स्पर्धा के टीम और व्यक्तिगत मुक़ाबलों के लिए भी कोटा स्थान हासिल किये है।

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