जन्मदिन विशेष: जब इंदिरा गाँधी ने विश्व विजेता भारतीय हॉकी टीम का स्वागत किया

टीम को एक विशेष स्वागत में राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद और प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने बधाई दी।

Update: 2019-11-19 12:24 GMT

भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का आज जन्म दिवस है। उनका जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहबाद (प्रयाजराज) में हुआ था। आयरन लेडी के नाम से मशहूर इंदिरा गांधी राजनितिक दृढ़ता के लिए विश्व भर में जानी जाती है। जब इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थी तब उस दौर में भारत ने हॉकी विश्व कप जीता था। उन्होंने भारतीय टीम से मिलकर उन्हें बधाई भी दी थी।

साल 1975 दो अलग-अलग विश्व कप के आयोजन के लिए जाना जाता है। उस साल इंग्लैंड में क्रिकेट विश्व कप का आयोजन हुआ तो दूसरा बड़ा इवेंट हॉकी विश्व कप था, जो मलेशिया में खेला गया। भारत के दृष्टिकोण से हॉकी विश्व कप ज्यादा सफल इवेंट साबित हुआ, जिसे भारत ने जीता। इस जीत का जश्न पूरे भारतवर्ष में मनाया गया। भारतीय हॉकी टीम को कई प्रकार के उपहार भी दिये गये। लेकिन इस जश्न में जो खास था वो देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का खिलाड़ियों से मिलना और बधाई देना था।

अनुभवी खेल पत्रकार नोवी कपाड़िया के अनुसार, "पूरे भारत को जश्न मनाते हुए देखा गया। टीम को कई राज्य सरकारों द्वारा सम्मानित किया गया और नकद पुरस्कार, उपहार और फ्लैट भी दिए गए। टीम को एक विशेष स्वागत में राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद और प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने बधाई दी।"

हॉकी विश्व कप 1975 में भारत का प्रदर्शन :

भारत ने 1975 विश्व कप के ग्रुप स्टेज में इंग्लैंड, वेस्ट जर्मनी और घाना को हराया और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबला ड्रा रहा। इसके अलावा भारत को अर्जेंटीना से हार का सामना करना पड़ा। ग्रुप स्टेज में अच्छे प्रदर्शन के कारण भारत को सेमीफाइनल का टिकट हासिल हुआ। भारत ने सेमीफाइनल में मेजबान मलेशिया को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। खिताबी मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 2-1 से हराया और इतिहास रच दिया। यह भारत का इकलौता विश्व कप का खिताब है।

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पिछले हॉकी विश्व कप 2018 का आयोजन भारत में हुआ। घरेलू दर्शकों के समर्थन के बावजूद भारतीय टीम प्रभावी प्रदर्शन करने में असफल रही और मनप्रीत सिंह की अगुवाई में क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई। अब हॉकी ने मैदान से लेकर मैट तक का सफर तय कर लिया है। भारत अब प्रबल दावेदारों की सूची में भी नजर नहीं आता है। लेकिन हम उम्मीद कर सकते हैं फिर एक बार समय करवट बदलेगा और आगामी कुछ वर्षों में भारत एक बार फिर हॉकी में अपना प्रभुत्व स्थापित करेगा।

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