खेल दिवस के मौके पर आइये मिलें भारत के कुछ उभरते सितारों से

Update: 2019-08-29 07:27 GMT

हॉकी के जादूकर कहलाने वाले मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन के उपलक्ष्य में हर साल हमारे देश में 29 अगस्त को खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है| आज का दिन उन सभी खिलाड़ियों को समर्पित है जिन्होंने कभी न कभी, कहीं न कहीं हमारे देश का नाम रोशन किया है|

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आज के दिन, हर उस खिलाड़ी को जिसने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से देश का मान बढ़ाया है, उसे खेल के सर्वोच्च पुरस्कारों से नवाज़ा जाता है| हर सार खेल दिवस के मौके पर राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड, अर्जुन अवार्ड और द्रोणाचार्य अवार्ड दिया जाता है| इस साल किन खिलाड़ियों को मिलेगा यह अवार्ड, पढ़ने के लिए क्लिक करें|

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भारतीय हॉकी के सुनहरे दौर में ध्यानचंद ने हॉकी को इतना लोकप्रिय बना दिया कि उनके हॉकी छोड़ने के बाद भी कई लोग हॉकी में दिलचस्पी दिखाने लगे| हालांकि यह दौर जल्द ही ख़त्म हो गया पर हम भारतीय हॉकी में उनकी हिस्सेदारी को झुटला नहीं सकते|

आइये इस खेल दिवस याद करें कुछ ऐसे खिलाड़ियों को जिन्होंने भारत में खेल के प्रति जूनून को उजागर करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई है-

1. हिमा दास - एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली यह खिलाड़ी 2019 की शुरुआत से ही सुर्ख़ियों में रही है| अभी तक, इस साल कुल 6 गोल्ड जीत चुकी हिमा ने मात्र 19 साल की उम्र में वो कारनामा कर दिखाया है जो किसी भारतीय ने नहीं किया| 2018 में हिमा को अर्जुन अवार्ड से भी नवाज़ा जा चुका है| चाहे कोई व्यक्ति खेल जगत से जुड़ा हो या नहीं, वह हिमा दस का नाम कभी नहीं भूल सकता|

हिमा दास

2. सौरभ चौधरी - 17 वर्षीय सौरभ ने एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीत कर सब की निगाहें अपने तरफ कर ली थी| पर उसके बाद वह रुके नहीं और ISSF वर्ल्ड कप में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी भी बने| इतना ही नहीं बल्कि भारत की ओर से युथ ओलंपिक, जूनियर ISSF वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतने वाले वह एकलौते ऐसे खिलाड़ी बने| अपने ठन्डे दिमाग और शांत स्वाभाव के लिए मशहूर खिलाड़ी से टोक्यो 2020 में भारत को काफी उम्मीदें हैं|

सौरभ चौधरी

3. विनेश फोगट - रियो ओलम्पिक में मेडल से चुकने के बाद विनेश फोगट ने अपनी घुटने की चोट को रिकवर कर एशियाई खेलों में गोल्ड के साथ वापसी की थी| वह भारत की तरफ से पहली महिला रेसलर हैं जिसने इन खेलों में गोल्ड जीता| इतना ही नहीं, 2019 में एशियाई रेसलिंग चैम्पियनशिप में कांस्य जीत फिर एक बार देश का मान बनाये रखा|

4. नीरज चोपड़ा - भारत में इस वक्त नीरज चोपड़ा का नाम जेवलिन का पर्याय माना जाता है| 2018 में कामनवेल्थ खेलों में गोल्ड जीतकर भारत को एक नई उम्मीद दी थी| उन्होंने यही कारनामा एशियाई खेलों कर दिखाया और एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत किसी भी खेल में किसी भी देश से पीछे नहीं है| ऐसे में इस खेल दिवस उनके इस कंट्रीब्यूशन को सम्मानित करना अनिवार्य है|

नीरज चोपरा

5. दुती चंद - पिछले कुछ महीनो में दुती चंद का नाम काफी चर्चित रहा है| सबसे ज़्यादा इसलिए क्योंकि वह ऐसी पहली एथलीट बनी जिसने खुल कर सेम सेक्स रिलेशन में होना कबूल किया| पर उनको इसके बाद काफी नकारात्मक प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा जो शायद किसी और खिलाड़ी को मानसिक रूप से काफी परेशान करता पर दुती ने हार नहीं मानी और देश को यूनिवर्सिड खेलों में उसका पहला गोल्ड दिलाया|

दुती चंद

हम साल भर अपने कामों में व्यस्त रहते हैं पर क्या एक दिन इन खिलाड़ियों के लिए नहीं निकाल सकते जिन्होंने भारत को फिर से सोने की चिड़िया बनाने का प्रण लिया है| अपने व्यस्त जीवन से 2 मिनट निकाल कर इन खिलड़ियों को धन्यवाद दीजिये ताकि आने वाले सालों में भी यह इसी तरीके से भारत का नाम रोशन करते रहें|

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