मेरा सारा ध्यान सिर्फ ओलंपिक पर है- बजरंग पूनिया

Update: 2019-12-01 09:46 GMT

भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया को बुधवार को राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित कर दिया गया है। खेलमंत्री किरण रिजिजू ने उन्हें यह सम्मान देकर सम्मानित किया। यह अवॉर्ड खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाला भारत का सर्वोच्च सम्मान है। राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति के हाथों का देश का सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार बजंरग नहीं ले पाए थे। उस समय वह कजाखस्तान में होने वाले वर्ल्ड चैंपियनशिप में व्यस्त थे। लेकिन अब बजंरग को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार सौंप दिया गया है। द ब्रिज की टीम ने बजरंग पूनिया से इस अवार्ड को मिलने के बाद बातचीत की। इसमें उनके पुरस्कार मिलने के बाद की खुशी और संतुष्टी के साथ आगामी योजनाओं पर भी बात की गई।

द ब्रिज- ऐसा नहीं लगता की आपको ये पुरस्कार मिलने में देरी हो गई?

बजरंग पूनिया: देखिए इस चीज पर ना बीत की  जाए तो अच्छी है। मैं धन्यवाद करूंगा भारत सरकार को जिन्होंने मुझे इस काबिल समझा। पिछले साल इस पुरस्कार को देने की बात थी लेकिन मैंने योगी भाई की बात मानकर ओलंपिक पर सिर्फ ध्यान दे रहा हूं। अभी भी मेरा पुरस्कार से ज्यादा ओलंपिक पर मेडल जीतने पर निगाहे हैं।

ओलंपिक जीतना हर खिलाड़ी का सपना होता है। बजरंग भी अपने इस सपने को पूरा करना चाहते है। 2012 लंदन ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त को अपना गुरू और भाई मानने वाले बजंरग का अपना सारा ध्य़ान ओलंपिक पर है।

द ब्रिज- हर प्रतियोगिता में आपके प्रदर्शन पर निखार आ रहा है लेकिन थोड़े-थोड़े से गलती के वजह से आप मेडल नहीं जीत पा रहे हैं, क्या कहना चाहेंगे इसके बारे में?

बजरंग पूनिया: मैं हर प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की कोशिश करता हूं लेकिन दिन-दिन की बात होती है। अगर भगवान उस दिन साथ दें तो स्वर्ण पदक उस दिन जरूर मिलेगा।

पिछले कुछ समय से देखा गया है कि बजरंग का लेग डिफेंस कमजोर नजर आ रहा है। यह बड़े टूर्नामेंट में परेशानी का कारण बन सकता है। उम्मीद है बजरंग इसे समय रहते ठीक कर लेंगे। वहीं बजरंग का मानना है कि वह हर प्रतियोगिता में अपना बेस्ट देते है लेकिन अगर भगवान उनका साथ देंगे तो उन्हें स्वर्ण जरूर मिलेगा।

द ब्रिज- जालंधर में सीनियर नेशनल प्रतियोगिता हो रही है जिससे आपने नाम वापस ले लिया है, क्या आप ओलंपिक से पहले अपने हिसाब से प्रतियोगिता का निर्ण. लेंगे जिसमें आपको खेलना है की नहीं?

बजरंग पूनिया: जनवरी में इटली में रैंकिंग वाली प्रतियोगिता है जिस वजह से मैं सीनियर नेशनल में हिस्सा नहीं ले रहा हूं। लगातार प्रतियोगिता खेलने के वजह से शरीर थक जाता है और आपसे उस तरह का प्रदर्शन नहीं निकलता जिसकी आपसे उम्मीद की जाती है।

बजरंग जनवरी में इटली में होने वाली प्रतियोगिता के लिए तैयारी कर रहे है। वह इसके बाद एशियाई चैंपियनशिप और रैकिंग टूर्नामेंट में भी दिखाई दे सकते है। भविष्य में इतने बड़े टूर्नामेंट को देखकर बजरंग जालंधर में सीनियर नेशनल प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले रहे है।

द ब्रिज- आपके जो विदेशी कोच हैं उसको लेकर जान-बूझकर विवाद खड़ा किया गया था?

बजरंग पूनिया: जी बिल्कुल मेर और इमीजीन बेंटींडेस के बीच कोई विवाद नहीं था। बात ये थे की वो पहले जेएसडब्लू के साथ थे औऱ बाद में फेडरेशन के प्रायजोक टाटा मोटर्स के साथ जुड़ गए। भारत की मीडिया को बस कुछ लोगों के बारे में गलत फैलाना आता है। वो ये नहीं समझते की इसका कितना खराब असर खिलाड़ी के उपर हो सकता है।   

Similar News