मेरी सफलता में परिवार का सबसे ज्यादा योगदान है- कोनेरू हम्पी

Update: 2020-01-26 07:31 GMT

भारत की शतरंज खिलाड़ी कोनेरू हम्पी ने रूस के मॉस्को में आयोजित महिला वर्ल्ड रैपिड शतरंज चैंपियनशिप में चीन की लेई टिंगजी को टाईब्रेकर की सीरीज में हराकर खिताब अपने नाम किया है। हम्पी का ये मुकाबला काफी दिलचस्प था। वह अपना पहला गेम गंवा चुकी थी। लेकिन उसके बाद उन्होंने दूसरे गेम में वापसी की और उसमें जीत हासिल की। हम्पी ने 12 दौरे खेले जिसमें उन्होंने 9 अंक जुटाए। वह टिंगजी के साथ बराबरी पर थी। दोनों के बीच फिर आर्मेगेडोन गेम से विजेता का फैसला हुआ और हम्पी ने निर्णायक गेम में जीत हासिल की। द ब्रिज की टीम ने हम्पी से विश्व रैपिड प्रतियोगिता में उनके शानदार जीत पर बातचीत की।

द ब्रिज- विश्व रैपिड प्रतियोगिता में आपने मेडल की उम्मीद की थी?

कोनेरू हम्पी- विश्व रैपिड प्रतियोगिता में ये मेरा पहला स्वर्ण मेडल है। मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं यहा तक पहुंच पाउंगी लेकिन मैंने ये कर दिखाया। इस प्रतियोगिता के शुरूआत में मैं 13वें स्थान पर थी लेकिन एक के बाद एक मुकाबले जिस तरह से गुजरें उसने मेर अंदर आत्मविश्वाश भर दिया। इस दौरान मैंने कई टाई ब्रेकर राउंड भी खेले साथ ही चीन के खिलाड़ी से एक अच्छा मुकाबला देखने को मिला।

द ब्रिज- किस तरह से परिवार ने आपको सहयोग दिया?

कोनेरू हम्पी- परिवार का सहयोग खासकर मेर पति का सहयोग मेरे करियर के शुरूआत से रहा। मैंने बीच में 2 साल का ब्रेक लिया क्योंकि मैं मां बनने वाली थी। मैं जब भी बाहर रहती हूं मेरे घर वाले मेरी बेटी का बहुत अच्छे से ध्यान रखते हैं। 2016 से लेकर 2018 के शुरूआत तक मैंने किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया। इसके बाद मैंने वापसी की लेकिन शुरूआत के कई प्रतियोगिताओ में उम्मीद के अनुसार परिणाम नहीं मिला लेकिन इसके बाद मैंने काफी जगह अच्छा प्रदर्शन किया और कई टाइटल अपने नाम किये खासकर रूस में आयोजित ग्रां प्री में मैंने पूरे प्रतियोगिता में जिस तरह से प्रदर्शन किया उसने मुझे एक अलग ही तरह की ऊर्जा प्रदान की। 2020 की शुरूआत एक टाइटल जीतने के साथ हुई उम्मीद करती हूं इस साल का अंत भी कुछ ऐसा हो।

चित्र: chessbase.com

द ब्रिज- पहले लोगों को आपसे काफी उम्मीद थी की आप वर्ल्ड चैंपियन बनने वाली हैं लेकिन अभी आपसे किसी ने ऐसे उम्मीद नहीं की था? क्या आपको लगता है इस चीज ने कही ना कही आपको यहां तक पहुंचने में मदद की?

कोनेरू हम्पी- ऐसा बोल सकते हैं कि जब आपसे कोई उम्मीद नहीं करता और वो आप करके दिखाते हैं तो आपको एक अलग आत्मविश्वास मिलता है लेकिन ये सब आपकी सोच पर निर्भर करता है। आप सकरात्मक रहेंगे तो परिणाम भी आपको वैसे ही मिलेंगे लेकिन आप में अगर आत्मविश्वास की कमी रहेगी तो आप जिंदगी में कही भी नहीं पहुंच पाएंगे।

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द ब्रिज- आपने वर्ल्ड रैपिड प्रतियोगिता के लिए कुछ खास अभ्यास किया था क्या?

कोनेरू हम्पी- जी बिल्कुल नहीं ग्रैंड प्री जीतने के बाद 10 दिन का अंतराल मिला था लेकिन उसमे भी मैंने कुछ खास अभ्यास नहीं किया। आधे से अधिक समय मैंने परिवार के साथ गुजारा। क्योंकि जब आप लगातार प्रतियोगिताएं खेलते हैं उसके बाद आपको एक ब्रेक की जरूरत रहती है। इस अंतराल के बाद मैं काफी अच्छा महसूस कर रही थी। जिसके परिणाम में मैं ये टाइटल जीत पायी ।    

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