भारत 2025 तक दे सकता है अगला विश्व शतरंज चैंपियन: विश्वनाथन आनंद

मैगनस कार्लसन ने अपने खिताब का बचाव करने से इंकार कर दिया है, और ऐसे में 2023 की विश्व चैंपियनशिप कैंडिडेट प्रतियोगिता में शीर्ष पर रहने वाले दो खिलाड़ियों के बीच खेली जाएगी।

Update: 2022-09-07 16:34 GMT

 विश्वनाथन आनंद

भारतीय महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद का मानना है कि भारत में अगला विश्व चैंपियन तैयार करने की क्षमता है लेकिन ऐसा 2025 से पहले होना मुश्किल है, क्योंकि इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लगेगा।

आनंद ने पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा,''अगर आप औपचारिक खिताब चाहते हैं तो यह 2025 तक संभव है। कोई भी सरल रास्ता नहीं है जो हमें तैयार होने के लिए पर्याप्त समय दे, इससे कई चीजें जुड़ी होती हैं।'' फिलहाल आनंद अपनी अकादमी, वेस्टब्रिज आनंद शतरंज अकादमी में शतरंज खिलाड़ियों को तैयार करने में लगे हुए हैं।

खास बात है कि मैगनस कार्लसन ने अपने खिताब का बचाव करने से इंकार कर दिया है, और ऐसे में 2023 की विश्व चैंपियनशिप कैंडिडेट प्रतियोगिता में शीर्ष पर रहने वाले दो खिलाड़ियों के बीच खेली जाएगी। इस तरह से आर प्रज्ञानानंद और डी गुकेश जैसे खिलाड़ियों के पास विश्व चैंपियनशिप के अगले चक्र में ही मौका होगा।

दिग्गज खिलाड़ी आनंद ने कहा,''जहां तक विश्व चैंपियनशिप के अगले चक्र की बात है तो यह देखना होगा कि अगले दो से चार साल में यह कैसा स्वरूप लेती है। विश्व चैंपियनशिप सोने पे सुहागा होगा। हमें मजबूत बनकर और अच्छी प्रगति करके इसको लक्ष्य बनाना चाहिए।''

उन्होंने कहा,''अगर आप पर्याप्त मजबूत हैं तो फिर आप हर चीज के लिए तैयार रहते हैं। यही मेरा दृष्टिकोण है। विश्व शतरंज में इन दिनों तेजी से बदलाव हो रहे हैं इसलिए चीजें कैसे आगे बढ़ेंगी इसकी भविष्यवाणी करना मुश्किल है।''

बता दें भारत ने शतरंज ओलंपियाड में नौ पदक जीते जिसमें महिला टीम का पहला कांस्य पदक भी शामिल है। जिस वजह से आनंद की उम्मीदें बढ़ी हैं और उनका मानना है कि यह महज संयोग नहीं है।

आनंद ने कहा, ''मुझे निश्चित रूप से लगता है कि हमने इसमें योगदान दिया है। बेशक, आपको उनके व्यक्तिगत कोच, परिवार और उनके अपने काम की प्रशंसा करनी होगी। लेकिन मुझे लगता है कि हमने निश्चित रूप से योगदान दिया है।''

उन्होंने कहा,'' एक दौर था जबकि ये खिलाड़ी शीर्ष उदीयमान खिलाड़ियों में शामिल थे और मुझे लगता है पिछले तीन वर्षों में उन्होंने समय बर्बाद नहीं किया और महत्वपूर्ण प्रगति की।''

उन्होंने आगे कहा,''शतरंज ओलंपियाड के परिणामों से पता चलता है कि भारत शतरंज में महाशक्ति बनता जा रहा है लेकिन अभी कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें काम करने की जरूरत है।''

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