Commonwealth Games 2022: भारतीय शटलर लक्ष्य सेन से लोगों को पदक की उम्मीद, जाने कैसा था लक्ष्य का पूरा सफ़र

भारतीय शटलर लक्ष्य सेन के लगातार शानदार प्रदर्शन के कारण उनका नाम पदक के दावेदारों में लिया जा रहा हैं

Update: 2022-07-20 10:40 GMT

बर्मिंघम में आयोजित होने वाले आगामी राष्ट्रमंडल खेलों के लिए इस बार भारत की ओर से खिलाड़ियों  का एक बड़ा दल इंग्लैंड के लिए रवाना हुआ हैं। और यही वजह है कि इस टूर्नामेंट में भारतीय खिलाड़ियों से अधिक से अधिक पदक जीतने की उम्मीद लगाई जा रही हैं।

पदक के दावेदारों में शुमार एक नाम बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन का भी हैं। भारतीय शटलर लक्ष्य सेन के लगातार शानदार प्रदर्शन के कारण उनका नाम पदक के दावेदारों में लिया जा रहा हैं।

20 साल के लक्ष्य को मेडलवीर कहा जा रहा हैं, जिसकी वजह लोगों की उम्मीद है कि लक्ष्य राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक हासिल कर देश का नाम रौशन करेंगे।

2018 में  युवा ओलंपिक खेलों में लक्ष्य सेन ने पुरुष एकल का रजत पदक हासिल किया

इससे पहले लक्ष्य ने कई पदक अपने नाम किए हैं। साल 2018 में उन्होंने युवा ओलंपिक खेलों में पुरुष एकल का रजत पदक हासिल किया। इस स्पर्धा का मिश्रित टीम का स्वर्ण पदक भी लक्ष्य ने अपने नाम किया। 2018 में ही उन्होंने विश्व जूनियर चैंपियनशिप का कांस्य पदक जीता।

इसके अलावा जकार्ता में हुए एशियाई जूनियर चैंपियनशिप का पुरुष एकल का स्वर्ण पदक भी लक्ष्य ने 2018 में ही जीता। वह थॉमस कप-2022 में ऐतिहासिक स्वर्ण जीतने वाली भारतीय टीम का हिसा भी थे।

 एशियाई जूनियर चैंपियनशिप 2018 का पुरुष एकल का स्वर्ण पदक लक्ष्य सेन ने जीता

लोगों की नज़रे लक्ष्य पर तब गई जब इसी साल वह प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने में कामयाब रहे। हालांकि वह खिताब से महज एक कदम पीछे रह गए। लक्ष्य को फाइनल में विक्टर एक्सेलसन से हार मिली और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

लक्ष्य सेन और विक्टर एक्सेलसन

छोटी उम्र से ही लक्ष्य ने बैडमिंटन को अपना सपना बना लिया था। प्रकाश पादुकोण को अपनी प्रेरणा मानने वाले लक्ष्य ने प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में भी ट्रेनिंग ली हैं। उनका सफर 2016 में जूनियर सर्किट में शुरुआत करके और एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर हुआ। जिसके बाद उन्होंने विश्व जूनियर चैंपियनशिप में प्री-क्वार्टर तक का सफर तय किया।

लक्ष्य सेन और प्रकाश पादुकोण

गौरतलब है की लक्ष्य के पिता भी दिग्गज कोच रहें हैं। पिता डीके सेन की गिनती देश के दिग्गज बैडमिंटन कोच में होती है। यही कारण रहा कि लक्ष्य ने काफी छोटी उम्र से ही इस खेल में अपना नाम बनाना शुरू कर दिया था। डीके सेन भारतीय जूनियर बैडमिंटन टीम के कोच भी रहे हैं।

लक्ष्य सेन अपने पिता डीके सेन के साथ 

बता दें लक्ष्य फिलहाल दुनिया के 10वें नंबर के पुरुष शटलर हैं, और 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के पुरुष एकल स्पर्धा में खेलेंगे। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रमंडल खेलों का पहला मुकाबला उन्हें लय हासिल करने के लिए काफी रहेगा। वह पिछले 3 हफ्ते से ट्रेनिंग कर रहे हैं जिसका फायदा उन्हें मिलेगा।

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