Commonwealth Games 2022: वापसी को तैयार भारतीय शटलर अश्विनी पोनप्पा, राष्ट्रमंडल खेलों में चौथी बार लेंगी हिस्सा
भारतीय शटलर अश्विनी 12 साल पहले हुए राष्ट्रमंडल खेलों में महिला डबल्स स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल कर चुकी हैं
अश्विनी पोनप्पा
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में एक बार फिर अपना दम दिखाने के लिए तैयार हैं। शटलर अश्विनी 12 साल पहले हुए राष्ट्रमंडल खेलों में महिला डबल्स स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल कर चुकी हैं, जिस वजह से लोगों को उम्मीद है की अश्विनी एक बार फिर वापसी करेंगी और देश के लिए पदक जीत कर लाएंगी।
डबल्स विशेषज्ञ अश्विनी पोनप्पा चौथी बार इन खेलों में हिस्सा लेने की तैयारी कर रही हैं।अब भी अश्विनी की जीत की ललक में कोई कमी नहीं आई हैं। उनके स्मैश पहले की तरह दमदार हैं और वह विरोधी खिलाडि़यों की सर्विस और रिटर्न को अब भी काफी अच्छी तरह से भांप लेती हैं।
राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण सहित पांच पदक और विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली दो बार की ओलिंपियन अश्विनी 28 जुलाई से शुरू होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिए जोर शोर से तैयार हैं।
अश्विनी ने कहा,"इन वर्षों में काफी उतार-चढ़ाव आए। 10 वर्षों में मैं काफी बदल गईं, काफी सुधार किया, अब मेरे पास काफी अधिक अनुभव है और एक बार फिर राष्ट्रमंडल खेल की टीम में जगह बनाकर काफी अच्छा लग रहा है। इसकी शुरुआत 2010 में हुई थी और यह मेरे लिए काफी नई चीज थी। स्वर्ण पदक जीतना शानदार लम्हा था। इस लम्हे को दोबारा जीना चाहती हूं।"
अश्विनी पोनप्पा और ज्वाला गुट्टा
इससे पहले अश्विनी ने ज्वाला गुट्टा के साथ मिलकर दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को महिला युगल में पहला स्वर्ण पदक दिलाया था।
वहीं गोल्ड कोस्ट में हुए पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में अश्विनी ने भारत को मिक्स्ड टीम स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा,"साल 2018 में मैंने और सिक्की ने ब्रॉन्ज हासिल किया लेकिन तब मैंने पहली बार टीम स्वर्ण पदक जीता जो शानदार अहसास था। इस बार चुनौती अलग है। इस बार मैं महिला डबल्स में नहीं बल्कि मिक्स्ड डबल्स में खेल रही हूं जिसके लिए पूरी तरह तैयार हूं।"
बता दें, पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में अश्विनी ने महिला डबल्स में पदक जीते हैं, लेकिन इस बार उनकी महिला जोड़ीदार एन सिक्की रेड्डी को चोट लगने के कारण वह क्वालीफाई नही कर पाई हैं। यह जोड़ी चयन ट्रायल के फाइनल में हार गई थी।
इसपर उन्होंने कहा,"यह मिक्स्ड अहसास था, यह हमारा 16वां मैच था और इसका शरीर और दिमाग पर असर पड़ता है। फाइनल से पहले सिक्की की पेट की मांसपेशियों में चोट थी। कई कारण थे जिससे हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए। यह निराशाजनक था।"
अश्विनी ने कहा,"लेकिन मुझे खुशी है कि सुमीत और मैंने सभी मैच जीते। हम एक दिन में तीन मैच खेल रहे थे। मैं भाग्यशाली रही कि मुझे ट्रायल के दौरान चोट नहीं लगी।"
मिश्रित टीम के द्वारा स्वर्ण पदक जीतने की संभावना पर अश्विनी ने कहा,"श्रीकांत, लक्ष्य, पीवी सिंधु और सात्विक-चिराग की मौजूदगी में हमारी टीम मजबूत है। टीम स्पर्धा में कुछ भी हो सकता है, 2018 में हमने ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट को हराया जबकि श्रीकांत ने लीग चोंग वेई को मात दी। अहम है कि चीजों को हलके में नहीं लिया जाए।"
गौरतलब है कि अश्विनी के पिता एमए पोनप्पा भी भारत के लिए हॉकी खेल चुके है।