भारतीय बैडमिंटन संघ के इस फैसले से निचले स्तर के खिलाड़ियों पर गिरी गाज

Update: 2019-03-30 05:41 GMT

2012 लंदन ओलंपिक में क्वार्टरफाइनल तक सफर तय करने वाले परूपल्ली कश्यप और राष्ट्रीय चैंयिन सौरभ वर्मा समेत 18 शटलरों को भारतीय खेल मंत्रालय द्वार टॅाप्स स्किम से बाहर कर दिया है। जिसको लेकर कई खिलाड़ी आक्रोश में दिख रहे हैं। 2012 लंदन ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय करने वाले परूपल्ली कश्यप और राष्ट्रीय चैंपियन सौरभ वर्मा ने भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष और नॅार्थ ईस्ट से बीजेपी के कद्दावर नेता हेमंत विश्व शर्मा को पत्र लिखकर नाराजगी जताते हुए इस फैसले को वापस लेने की गुहार लगाई है। लेकिन कह लिजीये चुनाव या निजी कारणों से बैडमिंटन संघ ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।

हिंदी अखबार अमर उजाला के अनुसार भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष को भेजे गए पत्र मे ये लिखा है भारतीय शटलरों के फेडरेशन में कोर ग्रप में रहने के बावजूद खिलाड़ी अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं को अपने खर्चे पर खेलने को मजबूर हो गए हैं। इनमें कई के पास ना तो प्रयोजक हैं और ना ही कई खिलाड़ियों के पास नौकरी अब इस दुविधा के चक्कर में खिलाड़ी करे तो क्या करे?

टॅाप 50 बैडमिंटन खिलाड़ियों को मिलती थी फंडिंग

इस विवाद से पहले भारतीय बैडमिंटन संघ और खेल मंत्रालय द्वारा शुरूआत की गई टॅाप्स स्किम के तहत भारत के टॅाप 50 बैडमिंटन खिलाड़ियों को अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता और अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए धन राशि मुहैया कराई जाती थी। लेकिन अब सूत्रों क माने तो इस सूची में भारी मात्रा में कटौती करते हुए अब सिर्फ टॅाप 25 खिलाड़ियों को धन राशि दी जाएगी। इस सूची में पीवी सिंधू , किदांबी श्रीकांत और साइना नेहवल जैसे खिलाड़ियों को नाम शामिल है।

भारतीय बैडमिंटन संघ के महासचिव अजय सिंधानिया ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा है कि हमें खिलाड़ियों को पत्र मिला है हम जल्द ही इस मामले पर ठोस निर्णय लेंगे। लेकन सूत्रों के खबरों के मुताबिक इस मामले का हल आम चुनावके बाद ही लिया जाएगा ।

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