खेल गांव में खिलाड़ियों के साथ उनके माता-पिता नहीं ठहरेंगे- नरिंदर बत्रा

Update: 2019-12-25 08:40 GMT

भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा है कि अब किसी भी बड़ी प्रतियोगिता में खिलाड़ियों के साथ उनके माता-पिता नहीं ठहर सकते। उन्होंने कहा है कि वह कभी भी खेल गांव में खिलाड़ियों के माता पिता के ठहरने की इजाजत नहीं देंगे। खेल गांव में खिलाड़ियों के साथ उनके कोच और ट्रेनर ही रह सकते हैं।

नरिंदर ने कहा, "अगर आप अपने माता-पिता को अपने साथ लेकर जाना चाहते हैं, तो कोई बात नहीं मैं इसका विरोध नहीं करता लेकिन यह जान लें कि उन्हें होटल में ठहरना होगा। जहां तक राष्ट्रीय कर्तव्य का संबंध है, जो लोग आपके साथ शामिल हैं, जैसे कोच और ट्रेनर आपके साथ रह सकते हैं।"

उन्होंने आगे बताया, "मैं हमेशा से इस बात के खिलाफ रहा हूँ कि खिलाड़ियों के साथ उनके माता-पिता ठहरें। मैंने इस बात का कभी भी समर्थन नहीं किया है। पिछली बार भी हमें धमकी दी गई थी कि खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे। खेल गाँव कोचों के लिए है। खिलाड़ियों के माता पिता वहां जा सकते हैं लेकिन वहां रह नहीं सकते। उन्हें वहाँ ठहरने की इजाजत नहीं है। मेरे लिए सभी खिलाड़ी एक जैसे हैं।"

नरिंदर बत्रा ने अपनी बात में जोर देते हुए आगे कहा, "अगर मुझे कभी खिलाड़ियों द्वारा धमकी दी जाती है, तो मैं अगले दिन राष्ट्रीय टेलीविजन पर दिखाई दूंगा और जोर से कहूंगा कि मुझे बताया जा रहा है कि खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि उनके माता-पिता को उनके साथ में रहने की अनुमति नहीं दी गई है।"

भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष ने आगे बताया कि ऐसी धारणा बनी हुई है कि धन का दुरूपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा,"खेल संहिता में सुशासन का उद्देश्य है। मुझे नहीं पता कि समस्या कहां है। यह गलत धारणा है कि धन का दुरुपयोग हो रहा है। मैंने हमेशा (यह) साफ किया है कि हमें SAI से कोई पैसा नहीं मिला है, इसलिए हम इसका दुरुपयोग कैसे करेंगे? फेडरेशन स्पोंसरशिप प्राप्त करने की बहुत कोशिश करता है, और हमें इन सबसे बाहर निकलना होगा।"

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