टोक्यो ओलंपिक का बदला लेने उतरेगी भारतीय महिला हॉकी टीम, कोच ने कहा 'कुछ भी संभव है'

टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक मुकाबले में इंग्लैंड ने भारत को 4-3 से हराकर ऐतिहासिक पदक जीतने से वंचित कर दिया था

Update: 2022-07-02 10:37 GMT

महिला हॉकी विश्व कप 

भारतीय महिला हॉकी टीम विश्व कप के 'पूल बी' का अपना पहला मुकाबला खेलने के लिए आत्मविश्वास से भरी हुई है। यह मुकाबला रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ खेला जाएगा जिसमे टीम का इरादा टोक्यो में मिली हार का बदला पूरा करना होगा।

टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक मुकाबले में इंग्लैंड ने भारत को 4-3 से हराकर ऐतिहासिक पदक जीतने से वंचित कर दिया था। विश्व कप के पहले भारतीय टीम का हौसला बुलंद है। टीम एफआईएच प्रो लीग में पहली बार खेलते हुए तीसरे स्थान पर रही थी।

इससे पहले विश्व कप में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1974 में पहले ही सत्र में रहा था, तब भारतीय महिला हॉकी टीम चौथे स्थान पर रही थी। टोक्यो में चौथे स्थान पर रहने के बाद हालांकि भारतीय महिला टीम के प्रदर्शन का ग्राफ उपर उठते जा रहा है। मई में भारतीय टीम को एक और उपलब्धि हासिल हुई जब वह एफआईएच रैंकिंग में छठे स्थान पर पहुंची थी यह भारतीय महिला टीम का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इसके अलावा इस टीम ने प्रो लीग में बड़ी टीमों को कड़ी टक्कर दी है। भारतीय टीम एफआईएच प्रो लीग में बेल्जियम, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी धाकड़ टीमों टीमों से आगे रही थी।

कप्तान पर टीकी है सबकी नजरें

अनुभवी गोलकीपर सविता पूनिया ने टीम की कमान बखूबी संभाली है उनकी कप्तानी का प्रर्दशन अबतक शानदार रहा है। चोट के कारण रानी रामपाल टोक्यो ओलंपिक के बाद से टीम से बाहर हैं। कप्तान अपनी शानदार फॉर्म में हैं और उनका साथ देने के लिए युवा गोलकीपर बिछू देवी खारीबाम है। जबकि डिफेंस में उपकप्तान दीप ग्रेस इक्का, गुरजीत कौर, उदिता और निक्की प्रधान होंगे, वहीं मिडफील्डर के रूप में सुशीला चानू, नेहा गोयल, नवजोत कौर, सोनिका, ज्योति, निशा, मोनिका होंगी। सलीमा टेटे भी बेहतरीन फॉर्म में हैं और प्लेमेकर की भूमिका निभाएंगी। विरोधी टीम पर आक्रमण का जिम्मा वंदना कटारिया, लालरेम्सियामी, नवनीत कौर और शर्मिला देवी पर होगा।

कोच ने कहा 'कुछ भी संभव है'

पुख्ता तैयारियों के बावजूद भारत को रानी रामपाल के अनुभव की कमी खलेगी। भारत 2018 विश्व कप में आठवें स्थान पर रहा था लेकिन इस बार टीम की नजरें पोडियम पर खड़ा होने पर है। मौजूदा फॉर्म और नतीजों को देखते हुए यह संभव भी है। भारत की मुख्य कोच यानेके शॉपमैन खिलाड़ियों की क्षमता से बखूबी वाकिफ हैं।

कोच ने प्रदर्शन में निरंतरता पर जोर दिया उन्होंने कहा कि अगर हम अपनी क्षमता के अनुरूप खेल रहे और लगातार खेल सके तो कुछ भी संभव है। महिला हॉकी में इस समय कोई भी टीम किसी भी टीम को हरा सकती है। लेकिन सबसे जरूरी है प्रदर्शन में निरंतरता।

बता दें भारत को पांच जुलाई को चीन से और सात जुलाई को न्यूजीलैंड से खेलना है इससे पहले भारत का पहला मुकाबला रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ़ होगा। इंग्लैंड की टीम ने 2010 में रोसारियो में हुए विश्व कप में कांस्य पदक जीता था और सिडनी में 1990 में चौथे स्थान पर रही थी। विश्व रैंकिंग में वह फिलहाल चौथे स्थान पर है।

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