भारत के श्रीजेश और सविता को मिला एफआईएच साल के सर्वश्रेष्ठ पुरुष और महिला गोलकीपर का पुरस्कार

दिग्गज खिलाड़ी श्रीजेश और महिला टीम की कप्तान सविता ने लगातार दूसरी बार यह पुरस्कार हासिल किया हैं।

Update: 2022-10-05 12:16 GMT

अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) द्वारा जारी हॉकी पुरुस्कारों में भारत के पीआर श्रीजेश और सविता पूनिया लगातार दूसरी बार सर्वश्रेष्ठ पुरुष और महिला गोलकीपर का पुरस्कार दिया गया हैं।

पुरुष टीम के गोलकीपर की बात करें तो श्रीजेश एफआईएच साल के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का खिताब लगातार दो बार जीतने वाले तीसरे खिलाड़ी हैं। श्रीजेश पिछले 16 साल से भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे है। वह ही राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य भी थे। उन्होंने बर्मिंघम में इसके सभी छह मैचों में टीम का मैदान पर प्रतिनिधित्व किया था।

एफआईएच ने श्रीजेश की तारीफ करते हुए कहा गया, "पीआर श्रीजेश के करियर की लंबाई लगातार उम्र को धता बता रही है। भारत का 34 साल का यह खिलाड़ी लगातार अपने खेल के स्तर को ऊपर उठा रहा है।"

पुरस्कार जीतने के बाद श्रीजेश ने कहा, "इसमें कोई शक नहीं, यह एक विशेष पुरस्कार है क्योंकि हॉकी प्रशंसक हमें वोट दे रहे हैं। यह मेरे लिए एक बड़ा सम्मान और कड़ी मेहनत का प्रमाण है।"

उन्होंने कहा, "आप करियर के किसी भी चरण में हो, पुरस्कार जीतना हमेशा एक प्रेरक कारक होता है। यह पुरस्कार निश्चित रूप से मुझे आने वाले समय में खेल में और अधिक सुधार करने के लिए प्रेरित करेगा, जहां टीम को एफआईएच हॉकी पुरुष विश्व कप 2023 को भुवनेश्वर -राउरकेला में खेलना है।"

खास बात है कि सत्र के दौरान श्रीजेश ने 250 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले भारत के पहले गोलकीपर और कुल आठवें खिलाड़ी बने।

वहीं महिला टीम की सविता पूनिया 37.6 प्रतिशत अंकों के साथ मतदान में शीर्ष पर रही। श्रीजेश की तरह ही सविता भी 2014 में शुरू हुए इन लगातार दो बार साल की सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर (महिला) का जीतने वाली केवल तीसरी खिलाड़ी हैं।

राष्ट्रीय खेलों के लिए गुजरात में मौजूद सविता ने कहा, "यह निश्चित रूप से एक बड़ा आश्चर्य और बहुत सुखद है। मुझे यकीन है कि कई भारतीय हॉकी प्रशंसकों ने हमें वोट दिया है और मैं उनमें से प्रत्येक को धन्यवाद देती हूं।"

एफआईएच ने कहा, "सविता भारतीय गोलपोस्ट की रक्षा में शानदार थी। उन्होंने असंभव जैसी परिस्थितियों में कई बार गोल का बचाव सफलतापूर्वक किया। ऐसे में इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उसे दुनिया भर के अन्य गोलकीपरों के मुकाबले लगभग दोगुने वोट मिले।"

गौरतलब है कि सविता ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में टीम के कांस्य पदक जीतने के अभियान में शानदार प्रदर्शन किया। जहां न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत ने पदक के 16 साल के इंतजार को खत्म किया था।

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