नए हॉकी कोच क्रेग फुल्टन का लक्ष्य - भारत को एशिया में नंबर एक बनाना

फुल्टन चाहते हैं कि भारत का एशिया में लगातार दबदबा बना रहे और फिर अपने इस प्रदर्शन को वह विश्व स्तर पर दोहराए

Update: 2023-05-16 17:18 GMT

क्रेग फुल्टन

भारत की पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन को पद संभाले हुए अभी महज दो सप्ताह से अधिक का समय हुआ है लेकिन उनके लक्ष्य स्पष्ट हैं- भारत को एशिया में नंबर एक टीम बनाना और अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना।

दक्षिण अफ्रीका के रहने वाले फुल्टन चाहते हैं कि भारत का एशिया में लगातार दबदबा बना रहे और फिर अपने इस प्रदर्शन को वह विश्व स्तर पर दोहराए।

फुल्टन ने वर्चुअल मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘मैं भारत को एशिया में नंबर एक टीम बनाना चाहता हूं। निश्चित तौर पर यह उन लक्ष्यों में शामिल है जिन्हें हम हासिल करना चाहते हैं। हम लगातार उस स्थान पर बने रहना चाहते हैं और फिर आगे बढ़ना चाहते हैं। अगर आप विश्व रैंकिंग में चौथे या पांचवें स्थान पर रहते हैं तो आपको शीर्ष पर पहुंचने के लिए निरंतर प्रयास करने होते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘और जब आपके पास पर्याप्त अनुभव होता है और सभी खिलाड़ियों के लिए अनुकूल रणनीति होती है तो आप निश्चित तौर पर फाइनल में पहुंचने की कोशिश करते हैं और उसमें जीत दर्ज करना चाहते हैं।’’

वह 26 मई से शुरू हो रहे एफआईएच प्रो लीग के यूरोप चरण के जरिये भारतीय टीम के साथ अपनी पारी का आगाज करेंगे। भारत को लंदन में बेल्जियम और ब्रिटेन से और नीदरलैंड में अर्जेंटीना और नीदरलैंड से खेलना है। पिछले साल ओडिशा के राउरकेला में खेले गए होम लेग के दौरान अपने पिछले एफआईएच हॉकी प्रो लीग 2022/23 मैचों में, भारतीय टीम ने एक ठोस प्रदर्शन किया और विश्व चैंपियंस जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद रही, जिससे उन्हें अंक तालिका के शीर्ष पर पहुंचने में मदद मिली।

अब, फुल्टन के मार्गदर्शन में, जो 29 अप्रैल को बेंगलुरु के साई सेंटर में राष्ट्रीय कोचिंग कैंप में शामिल हुए, भारतीय पुरुष टीम का लक्ष्य अपनी जीत की गति को जारी रखने का होगा, वे लंदन में ओलंपिक चैंपियन बेल्जियम (26 मई और 2 जून) और मेजबान ग्रेट ब्रिटेन (27 मई और 3 जून) से भिड़ेंगे।

इसके बाद भारतीय टीम मेजबान और दुनिया के नंबर 1 नीदरलैंड (7 और 10 जून) के खिलाफ खेलने के लिए आइंडहोवन की यात्रा करेगी और दुनिया की नंबर 7 अर्जेंटीना (8 और 11 जून) के खिलाफ अपने अभियान का समापन करेगी।

कोच ने कहा, ‘‘भारत में हुए प्रो लीग के मैचों से हमें आत्मविश्वास मिला है । विश्व कप के बाद रणनीति कुछ बदली लेकिन मैं वहां नहीं था तो उस पर टिप्पणी नहीं कर सकता। भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करके टोक्यो में कांस्य जीता लेकिन विश्व कप में उस प्रदर्शन को दोहरा नहीं सकी। प्रो लीग और एशियाई चैम्पियंस ट्राफी जीतकर टीम फिर वापसी की राह पर है।’’

फुल्टन 2014 से 2018 के बीच आयरलैंड टीम के मुख्य कोच थे जब टीम ने रियो ओलंपिक 2016 के लिये क्वालीफाई किया। यह सौ साल में पहली बार हुआ था जब आयरलैंड की हॉकी टीम ओलंपिक खेली। उन्हें इसके लिये 2015 का वर्ष का सर्वश्रेष्ठ कोच भी चुना गया था। वह ओलंपिक चैम्पियन बेल्जियम के सहायक कोच भी रहे जिसने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता।

भुवनेश्वर में 2018 विश्व कप जीतने वाली बेल्जियम टीम के कोचिंग स्टाफ में भी वह थे। पिछले पांच साल में बेल्जियम हॉकी के उत्थान के साक्षी रहे फुल्टन चाहते हैं कि भारत पहले एशियाई हॉकी में दबदबा बनाये और फिर विश्व स्तर पर आगे बढे।

फुल्टन ने कहा, ‘‘हमारी प्राथमिकता एशियाई खेलों के जरिए पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना है। यह हमारी पहली प्राथमिकता है। एफआईएच प्रो लीग, स्पेन में चार देशों के टूर्नामेंट और फिर एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी से हम निश्चित तौर पर ऐसी स्थिति में रहेंगे जिससे हम सीधे ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर सकते हैं।’’

इस बीच, कप्तान हरमनप्रीत ने कहा कि यूरोप में एफआईएच प्रो लीग के लिए राउरकेला में अपने प्रो लीग मैचों के दौरान टीम द्वारा लागू की गई संरचना और रणनीति में ज्यादा बदलाव नहीं होंगे।

“ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के खिलाफ हमारा प्रदर्शन हमारे लिए एक बड़ा आत्मविश्वास बढ़ाने वाला था, इसलिए हम राउरकेला जैसे ही ढांचे का पालन करने का लक्ष्य रखेंगे। हालांकि, मुख्य कोच ने हमें अपने डिफेंस को मजबूत करने पर ध्यान देने का निर्देश दिया है, इसलिए हम उसी के अनुसार तैयारी कर रहे हैं।"

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