जानिए क्या और कैसा होता है हाॅकी का नया फाइव एस प्रारूप, शनिवार से स्विट्जरलैंड में शुरू हो रही फाईव एस की नई प्रतियोगिता

हॉकी फाइव को सबसे पहले 2013 में शुरू किया गया और 2014 में चीन में हुए युवा ओलंपिक में पहली बार इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेला गया था

Update: 2022-06-03 16:08 GMT

हॉकी फाइव एस

खेलों में अक्सर ने नए नए प्रयोग किए जाते हैं। खास तौर खेलों के प्रारूपों में। ताकि खेलों में कुछ नए बदलाव आ सके और उनकी लोकप्रियता और रोचकता बनी रहे। यही कारण रहा कि क्रिकेट में टी20 का नया प्रारूप आ पाया और रग्बी सेवंस आ पाए। अब इनसे प्रेरित हाॅकी में एक नया प्रारूप आया है। जिसका नाम है फाइव एस। यह प्रारूप हाॅकी के पारंपरिक प्रारूप से विपरीत है। इस प्रारूप का टूर्नामेंट शनिवार से स्विटजरलैंड में शुरू होने जा रहा है। जिसमें भारत सहित कई देश शिरकत करने वाले हैं।

आपको बता दें कि हॉकी फाइव को सबसे पहले 2013 में शुरू किया गया और 2014 में चीन में हुए युवा ओलंपिक में पहली बार इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेला गया था। इस प्रारूप में मैदान नियमित मैदान से आधा होता है, जो प्रतियोगिता पर निर्भर करता है। एफआईएच के नियमों के अनुसार अधिकतम आकार 55 मीटर गुणा 42 मीटर और न्यूनतम 40 मीटर गुणा 28 मीटर हो सकता है। लंबाई नापने वाली दो सीमारेखाओं को साइडलाइंस कहा जाता है, जबकि चौड़ाई नापने वाली रेखा को बैकलाइन कहते हैं।

आयताकार कोर्ट की बैकलाइन के बीच 3.66 मीटर लंबाई और 2.14 मीटर ऊंचाई के दो गोलपोस्ट होते हैं। इस प्रारूप में कोई डी या अर्धवृत्त नहीं होता है। बैकलाइन के समांतर एक मध्यरेखा से कोर्ट दो हिस्सों में बंटा होता है। दो क्वार्टर लाइन हर हाफ को दो बराबर हिस्सों में बांटती है। एक गोल पेनल्टी स्पॉट भी दो गोलपोस्ट के बीच सेंट्रल प्वाइंट्स और क्वार्टर लाइन के बीच होता है। हॉकी फाइव में टीमें कहीं से भी गोल कर सकती हैं, जबकि पारंपरिक हॉकी में डी के भीतर जाकर गोल करना होता है। 

इसमें हर टीम में एक समय मैदान पर पांच खिलाड़ी होते हैं, जिसमें गोलकीपर शामिल है और चार स्थानापन्न खिलाड़ी उतारे जा सकते हैं। हॉकी फाइव में पेनल्टी कॉर्नर नहीं होता, लेकिन टीम फाउल होने पर उसे चुनौती दे सकती है और उसकी मांग स्वीकार होने पर विरोधी गोलकीपर के आमने-सामने शूटआउट का मौका मिलता है। हॉकी फाइव मैच 20 मिनट का होता है, जो दस-दस मिनट के दो हाफ में होता है।

अब इस प्रारूप की प्रतियोगिता स्विटजरलैंड के लुसान में होने वाली है। जहांभारतीय टीम पहला मैच मेजबान स्विटजरलैंड से खेलेगी, जिसके बाद पाकिस्तान से खेलना है। रविवार को मुकाबला मलेशिया और पोलैंड से होगा। इस प्रारूप के लिये भारतीय पुरूष टीम के कप्तान गुरिंदर सिंह ने कहा कि वे मैदान पर उतरने को लेकर बेताब हैं। उन्होंने कहा, "यहां बेहतरीन माहौल है. हमारा अभ्यास सत्र भी अच्छा रहा और हम टूर्नामेंट के लिये पूरी तरह से तैयार हैं। हमारा सामना बेहतरीन टीमों से है और चूंकि प्रारूप नया है तो यह चुनौतीपूर्ण होगा। हमें तेज रफ्तार हॉकी खेलने के लिये हालात के अनुकूल तुरंत ढलना होगा।"

इस टूर्नामेंट महिला टीमें भी हिस्सा लेगी। जहां रजनी इतिमार्पू की कप्तानी में भारतीय महिला टीम पहला मैच उरूग्वे से खेलेगी। इसके बाद पोलैंड का सामना करना है। अगले दिन स्विटजरलैंड और दक्षिण अफ्रीका से टक्कर होगी। रजनी ने तैयारियों के बारे में कहा, "सभी टीमें इस प्रारूप में पहली बार खेल रही है लिहाजा सभी समान स्तर पर होंगी। हम अपने कौशल का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। 

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