हॉकी खिलाड़ी नमिता टोप्पो ने संन्यास की घोषणा की

वह 2014 और 2018 एशियाई खेलों में क्रमश: कांस्य और रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम की सदस्य थी

Update: 2022-09-15 14:59 GMT

नमिता टोप्पो

भारत के लिए 150 से अधिक मैच खेल चुकी अनुभवी मिडफील्डर नमिता टोप्पो ने गुरुवार को भारतीय महिला हॉकी टीम के साथ एक दशक अपने लंबे करियर का अंत करते हुए अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास की घोषणा की। ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के रहने वाली 27 साल की नमिता ने 2012 में राष्ट्रीय टीम के लिए पदार्पण किया था। वह 2014 और 2018 एशियाई खेलों में क्रमश: कांस्य और रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम की सदस्य थी।

नमिता ने हॉकी इंडिया से जारी बयान में कहा, "पिछले 10 साल निश्चित रूप से मेरे जीवन लिए सबसे अच्छा समय रहा मेरा सपना था कि मैं बड़े टूर्नामेंटों में देश का प्रतिनिधित्व करूं और अपने सपने के साकार होने की मुझे खुशी है।" उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि मैंने खेल में एक बड़ा प्रभाव डाला है। मैं पिछले एक दशक में भारतीय महिला हॉकी टीम की प्रगति को देखकर बहुत रोमांचित हूं। जीवन में नये क्षेत्र में आगे बढ़ने के साथ मैं टीम का समर्थन करते रहूंगी।"

राउरकेला के पानपोश खेल हॉस्टल से हॉकी का कौशल सीखने वाली नमिता ने 2007 में राज्य टीम में जगह बनाई थी। घरेलू प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन के बाद उन्होंने 2011 में भारत की अंडर-18 टीम के लिए चुना गया। वह इसी साल बैंकॉक में एशिया कप में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थी।

हॉकी इंडिया ने गुरुवार को एक विज्ञप्ति में सूचित किया, "राष्ट्रीय शिविरों में नमिता की कड़ी मेहनत और समर्पण और घरेलू सत्र में लगातार प्रदर्शन ने उन्हें 2012 में सीनियर इंडिया टीम का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना, जब उन्होंने डबलिन में एफआईएच चैंपियंस चैलेंज में भाग लिया। अगले ही साल वह भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम का हिस्सा थीं, जिसने जर्मनी के मोनचेंग्लादबाक में आयोजित एफआईएच हॉकी जूनियर विश्व कप महिला 2013 में कांस्य पदक जीता था।

उसके बाद नमिता ने पीछे मुड़कर नहीं देखा क्योंकि उन्होंने 2013 में एफएचआई महिला विश्व लीग राउंड 2 जैसे प्रमुख टूर्नामेंटों में भाग लिया, जहां भारत ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया 2013 में तीसरी महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी जहां भारत ने रजत पदक जीता, 8वां महिला एशिया कप 2013, 20वें राष्ट्रमंडल खेल 2014, 17वें एशियाई खेल 2014 जहां भारत ने कांस्य पदक जीता, 2016 रियो ओलंपिक, 9वें महिला एशिया कप 2017 में टीम की रजत पदक जीत और 18वें एशियाई खेल 2018 में राष्ट्रीय टीम ने रजत पदक पर मुहर लगाई।"

महिला टीम की राष्ट्रीय को यानेक शॉपमैन ने कहा, "नमिता का भारतीय हॉकी में बहुत बड़ा योगदान है। नमिता मैदान पर सब कुछ देने के अलावा टीम में युवाओं के लिए एक आदर्श रोल-मॉडल (प्रेरणास्रोत) भी रही हैं।" उन्होंने कहा, "बहुत कम खिलाड़ियों को देश के लिए 168 मैच खेलने का मौका मिलता है और नमिता ने हर मैच में अपनी काबिलियत से टीम में जगह बनाई। वह एक बेहतर खिलाड़ी के साथ शानदार इंसान भी है। उसके लिए हर मामले में टीम पहले है।"

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