FIH सीरीज फाइनल: साउथ अफ्रीका पर 5-1 की जीत के साथ भारत ने विजेता बनकर ओलिंपिक क्वालीफायर में जगह बनायीं

Update: 2019-06-17 09:46 GMT

भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने साउथ अफ्रीका को FIH सीरीज फाइनल के भुबनेश्वर लेग के फाइनल में 5-1 से हराते हुए विजेता बनी है। उम्मीदों के अनुरूप भारतीय टीम ने मैच के पहले ही क्वार्टर से अपने मनसूबे साफ़ कर दिए थे और दूसरे मिनट में ही भारत को पेनल्टी कार्नर मिला और वरुण कुमार ने बिना कोई गलती किये इसे गोल में बदलकर भारत को 1-0 की बढ़त दिला दी। इसके बाद भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका पर हमले लगातार बनाते रहे । मैच के नौवे मिनट में दक्षिण अफ्रीका के टीम ड्रम्मोण्ड को ग्रीन कार्ड मिला और भारत के पास मज़बूत बढ़त बनाने का अच्छा मौका आया। 11वे मिनट में मनदीप सिंह ने भारत के लिए पेनल्टी कार्नर अर्जित किया और अपना 101वा अंतराष्ट्रीय मैच खेल रहे हरमनप्रीत सिंह ने रमनदीप सिंह के इंजेक्शन पर बिना कोई गलती किये गोल करते हुए भारत को 2-0 की बढ़त दिला दी।

पहला क्वार्टर इसी गोल लाइन के साथ ख़त्म हुआ। दूसरे क्वार्टर में भी भारत ने पहले क्वार्टर की रणनीति को आगे बढ़ाया। भारत ने दक्षिण अफ्रीका के सर्किल को कई बार भेदा लेकिन एक भी अच्छा अटैक नहीं बना पाए। 24 मिनट में गुरजंत सिंह को ग्रीन कार्ड दिखाया गया और दक्षिण अफ्रीका के पास मैच में वापसी करने का एक सुनहरा अवसर आया लेकिन इसका फायदा भारत को हुआ, 25वे मिनट में साउथ अफ्रीका के खिलाडी के सर्किल के अंदर किये गए स्टिक चेक की वजह से अंपायर ने भारत को पेनल्टी स्ट्रोक दिया और हरमनप्रीत ने आसानी से गोल करते हुए स्कोर को 3-0 कर दिया। पुरे क्वार्टर में इसके बाद और कोई गोल देखने को नहीं मिला और हाफ टाइम का हूटर बजने तक भारत ने 3-0 बना ली थी।  

तीसरे क्वार्टर के शुरुआती मौको में दक्षिण अफ्रीका ने अपने गेम की गति बदलते हुए कुछ अच्छे हमले किये लेकिन भारत की रक्षा पंक्ति ने उन्हें गोल से दूर ही रखा। सेमी फाइनल में अपने लचर डिफेंस की वजह से भारत की रक्षा पंक्ति को आलोचना झेलनी पड़ी थी। 35वे मिनट में विवेक सागर प्रसाद ने सिमरनजीत सिंह के पास पर बैक हैंड फ्लिक लगते हुए शानदार गोल करते हुए स्कोर 4-0 कर दिया। 41वे मिनट में ऑस्टिन स्मिथ द्वारा विवेक सागर प्रसाद को गलत तरीके से गिराने की वजह से भारत को एक और पेनल्टी कार्नर हासिल हुआ लेकिन मनदीप सिंह वेरिएशन पर गोल करने में नाकामयाब रहे और भारत के पास आया यह मौका यूही चला गया। आखिरी क्वार्टर में दोनों ही टीमों ने हमले ज़ारी रखे, 50वे मिनट में भारत को फिर से पेनल्टी कार्नर हासिल हुआ और वरुण कुमार ने दिन का अपना दूसरा गोल करते हुए स्कोर लाइन को 5-0 से भारत के पक्ष में कर दिया। 53वे मिनट में रिचर्ड पॉश ने पेनल्टी कार्नर पर गोल करते हुए, दक्षिण अफ्रीका के लिए पहला गोल किया। 57वे मिनट में दक्षिण अफ्रीका को दूसरा पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन ऑस्टिन स्मिथ की फ्लिक सुमीत कुमार द्वारा आसानी से रोक ली गयी।

मैच का अंत 5-1 से भारत के पक्ष में रहा और भारत ने FIH सीरीज फाइनल के भुबनेश्वर लेग के विजेता का ख़िताब अपने नाम किया। अपने शदर प्रदर्शन के लिए हरमनप्रीत को प्लेयर ऑफ़ द मैच का अवार्ड मिला। जापान ने संयुक्त राज्य अमेरिका को हराकर प्रतियोगिता का कांस्य पदक अपने नाम किया। इसके पूर्व सेमी फाइनल में भारत ने एक तरफ़ा मुक़ाबले में हरमनप्रीत सिंह (7' पेनल्टी कार्नर), वरुण कुमार (14' पेनल्टी कार्नर), रमनदीप सिंह (23' फील्ड गोल, 37' पेनल्टी कार्नर), हार्दिक सिंह (25' फील्ड गोल), गुरसाहिबजीत सिंह (43' फील्ड गोल) और विवेक सागर प्रसाद (47' फील्ड गोल) के गोलों की मदद से जापान को 7-2 से हराया था। जापान ने दूसरे मिनट में केंजी कीताजातो के शदर गोल से बढ़त बनायीं थी लेकिन जल्दी ही हरमनप्रीत ने पेनल्टी कार्नर पर गोल करते हुए मैच बराबरी पर ले आये थे।

जापान के लिए दूसरा गोल कोता वातनाबे ने 20वे मिनट में किया था। जापान की टीम ने शुरुआती क्वार्टर में भारत पर अच्छा दबाव बनाया था लेकिन पुरे मैच के दौरान अपने रफ़ खेल की वजह से उनके खिलाड़ियों को नियमित अंतराल पर येलो और ग्रीन कार्ड मिलते रहे और भारत ने मिले इन हर मौको का फायदा उठाया। फाइनल में पहुंचने के साथ-साथ भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अक्टूबर-नवंबर में होने वाले ओलम्पिक क्वालीफायर के लिए क्वालीफाई कर लिया था। अंतराष्ट्रीय हॉकी महासंघ सारे द्वीपीय क्वालीफायर के पूर्ण हो जाने के बाद टोक्यो 2020 ओलम्पिक खेलो के लिए बचे शेष स्थानों के लिए टीमों के लिए ड्रा की घोषणा करेगा। विजेता होने के कारण भारत को FIH रैंकिंग में आवश्यक अंक हासिल होंगे जो की उन्हें शीर्ष पांच में बने रहने में मदद करेगा। ओलम्पिक क्वालीफायर के पहले भारत की रैंकिंग और उनके विपक्षी टीम का पता ड्रा के बाद ही पता चल पायेगा।

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