भारत के महान फुटबॉलर तुलसीदास बलराम का निधन

बलराम भारतीय फुटबॉल की गोल्डन जेनेरेशन का हिस्सा थे। उन्होंने 1950 से 1960 के बीच में चुन्नी गोस्वामी और पीके बनर्जी के साथ भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया

Update: 2023-02-16 10:51 GMT

एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय फुटबॉलर और ओलिंपियन तुलसीदास बलराम का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। समाचार एजेंसी पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में तुलसीदास के परिवार के सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है। तुलसीदास 87 साल के थे और वह कोलकाता में उत्तरपारा में हुगली नदी के पास एक फ्लैट में रह रहे थे। 1962 के एशियाई चैंपियन को 26 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनको यूरिनरी इन्फेक्शन हुआ था।

सूत्रों ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, "उनकी स्थिति सुधरी नहीं थी और उन्होंने आज दो बजे आज अपनी आखिरी सांस ली हम राज्य सरकार और खेल मंत्री अरुप बिस्वास के आभारी हैं जिन्होंने पिछले दिनों उनका ख्याल रखने में मदद की"


बलराम भारतीय फुटबॉल की गोल्डन जेनेरेशन का हिस्सा थे। उन्होंने 1950 से 1960 के बीच में चुन्नी गोस्वामी और पीके बनर्जी के साथ भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया और इनकी तिगड़ी काफी मशहूर रही थी। अर्जुन अवॉर्ड से नवाजे गए तुलसीदास ने रोम ओलिंपिक-1960 में जो खेल दिखाया था वो शानदार था। टीम इंडिया उस साल ग्रुप ऑफ डेथ में थी। इस ग्रुप में उनके साथ हंगरी, फ्रांस और पेरू थे। टीम इंडिया पहला मैच हंगरी से 1-2 से हार गई थी लेकिन तुलसीदास ने 79वें मिनट में शानदार गोल किया।

कुछ दिनों बाद भारत का सामना फ्रांस से हुआ था। इस मैच में बलराम ने फिर शानदार खेल दिखाया था और अपनी क्लास दिखाई थी। तुलसीदास सेंटर फॉरवर्ड और लेफ्ट विंगर के तौर पर खेलते थे। उन्होंने 1963 में खराब स्वास्थ के कारण खेल को अलविदा कह दिया था।

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