2047 तक एशिया के टॉप चार में होगा भारतीय फुटबॉल का नाम, एआईएफएफ ने पेश किया रोडमैप प्लान

महासचिव शाजी ने कहा कि 25 साल बाद भारतीय फुटबॉल एक अविश्वसनीय स्थिति में होगा।

Update: 2023-01-08 12:40 GMT

फुटबॉल के सबसे बड़े टूर्नामेंट फीफा विश्व कप समापत हो गया है, भारत में भी विश्व कप का क्रेज जमकर देखने को मिला हैं। और यही वजह है कि भारतीय फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने नया रोड मैप पेश किया हैं।

एआईएफएफ ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन जहां भारतीय फुटबॉल को और बेहतर करने के लिए विजन 2047 नाम से रोड मैप जारी किया। इस रोड मैप भारतीय पुरुष और महिला फुटबॉल टीम की दशा को निचले स्तर से ऊंचाई पर ले जाने के साथ साथ यह भी तय किया गया है कि 2047 तक भारतीय फुटबॉल टीम एशिया की टॉप चार टीमों में से एक होगी।

इस रोड मैप को एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे और महासचिव शाजी प्रभाकरन की मौजूदगी में पेश किया गया। जहां महासचिव शाजी ने कहा कि 25 साल बाद भारतीय फुटबाल एक अविश्वसनीय स्थिति में होगा।

उन्होंने बताया कि हम एक टीम के रूप में इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि 2047 भारत के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है और फुटबाल को पीछे नहीं रहना चाहिए, क्योंकि भारत अन्य क्षेत्रों में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारतीय फुटबाल को किस तरह से आगे ले जाया जाएगा, इसके बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि 2047 को विकास के छह चक्रों में विभाजित किया जाएगा।

एआईएफएफ का ध्यान 2047 तक एशिया की टॉप 4 टीम की भारत को शामिल करने के साथ देश में गुणवत्ता वाले रेफरी तैयार करने पर भी है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भाग ले सकें। देश में युवा रेफरी तैयार करने पर जोर दिया जाएगा। इसके साथ ही देश के फुटबॉल क्लबों में यूरोपीय देशों की तर्ज पर नए खिलाड़ियों के लिए जूनियर अकादमी बनाना, उन्हें रहने की व्यवस्था के साथ तैयार करने जैसे काम भी किए जाएंगे।

इस मौके पर मौजूद एआइएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे ने कहा कि हम फुटबाल को निचले स्तर से ऊपर तक लाना चाहते हैं और हम बेहतर से बेहतर खिलाड़ियों को मौका देकर उन्हें आगे बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए हमने फीफा से भी बात की है और उनकी तरफ से भी हमें पूरा सहयोग दिया जा रहा है।

प्लान के मुताबिक एआईएफएफ में महिला फुटबॉल पर ध्यान देने के लिए अलग से विभाग तैयार किया जाएगा। इतना ही नहीं महिला खिलाड़ियों के लिए अलग से न्यूनतम वेतन निर्धारण किया जाएगा ताकि उन्हें खेलने के लिए प्रोत्साहन मिले।

वहीं साल 2026 तक देश में 1 स्मार्ट स्टेडियम और फीफा के मानकों वाले 2 स्टेडियम तैयार किए जायेंगे। इतना ही नहीं देश के 50 टॉप प्रोफेशनल फुटबॉल क्लबों को विशेष सहायता दी जाएगी। इन क्लबों का अपना अलग-अलग ट्रेनिंग बेस होगा।

नए रोड मैप में कई नए वायदे किए गए हैं, जो अगर पूरे होते है तो भारतीय फुटबॉल की दशा कई गुना बेहतर दिखाई देगी।

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