भारतीय कोच इगोर स्टिमक आईएसएल, आईलीग मैचों में अधिक विदेशी खिलाड़ियों की संख्या से नाखुश

Update: 2020-03-06 12:22 GMT

राष्ट्रीय फुटबाल टीम के मुख्य कोच इगोर स्टिमक इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) और आई लीग मैचों में अधिक विदेशी खिलाड़ियों को उतारने के नियम से खुश नहीं है और उन्होंने कहा कि यह भविष्य के सुनील छेत्री तैयार करने की राह में रोड़ा है। स्टिमक ने कहा कि आईएसएल और आई लीग को एशियाई फुटबाल परिसंघ (एएफसी) की नीति का अनुसरण करना चाहिए जिसमें एक मैच में अधिकतम चार विदेशी खिलाड़ियों को उतारा जा सकता है।

भारतीय लीग में पांच विदेशी खिलाड़ियों को खिलाया जा सकता है। स्टिमक ने मुंबई में पत्रकारों से कहा, ''देश के शीर्ष टियर के लीग के लिये मेरा सुझाव है कि वे एएफसी के 3+1 के नियमों का पालन करे। यह विदेशी खिलाड़ियों के लिये मूल नियम है। यह कोई नया नियम है और अधिकतर सफल एशियाई देश इसका नियम को अपनाते हैं और इसलिए वे सफल हैं।'' उन्होंने कहा, ''इसलिए उनके पास राष्ट्रीय टीम के लिये स्ट्राइकर, मिडफील्डर और सेंटर बैक के विकल्प होते हैं।'' वर्तमान में आईएसएल और आई लीग की टीमें मैच में पांच विदेशी खिलाड़ियों का उपयोग कर सकती हैं जबकि एएफसी चैंपियन्स लीग प्रतियोगिता के नियमों के अनुसार , ''प्रत्येक प्रतिभागी क्लब चार विदेशी खिलाड़ियों का पंजीकरण करा सकता है लेकिन इनमें से कम से कम एक की राष्ट्रीयता एएफसी सदस्य देशों की होनी चाहिए।''

स्टिमक ने कहा कि वर्तमान स्थिति में स्टार स्ट्राइकर छेत्री का विकल्प ढूंढना मुश्किल है। उन्होंने कहा, "अगर यही स्थिति रही तो हम कभी छेत्री का विकल्प नहीं ढूंढ पाएंगे। हम उस खिलाड़ी को नहीं ले सकते जो कभी स्ट्राइकर के तौर पर नहीं खेला हो। मैं स्ट्राइकर कहां से ढूंढ कर लाऊं। यहां तक कि आई लीग में भी पांच विदेशी खिलाड़ियों का नियम लागू है।" भारत के कोच स्टिमक ने आगे कहा, ''आई लीग में हमारे पास (भारतीय) स्ट्राइकर नहीं हैं। केवल इंडियन एरोज की तरफ से स्ट्राइकर विक्रम प्रताप सिंह खेलता है। यह हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या है। हमें राष्ट्रीय टीम के पक्ष में चीजों को बदलने की जरूरत है।"

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