किंग्स कप 2019 के सेमी फाइनल में भारत की हार

Update: 2019-06-05 14:45 GMT

 भारत की पुरुष फुटबॉल टीम को थाईलैंड में चल रहे किंग्स कप के सेमी फाइनल में हार का सामना करना पड़ा है, उन्हें विश्व की 82 वे स्थान पर काबिज़ कुराकाओ ने 3-1 से हराया।

 कोच इगोर स्टमक की अगुआई में अपना पहला अंतरष्ट्रीय मैच खेल रही भारतीय टीम शुरुआत से ही कॅरीबीयन द्वीपीय टीम के खिलाफ थोड़ी असमंजस स्थिति में दिखी। ब्रैंडन फर्नांडेज, राहुल भेके और सहल अब्दुल को अपना पहला अंतराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका मिला।

 4-2-3-1 के फॉर्मेट में खेल रही टीम की कमान अनुभवी सुनील छेत्री के हाथो में दी गयी। मैच के सातवे मिनट में ब्रैंडन फर्नांडेज की लॉन्ग बॉल पर सहल को एक अच्छा मौका मिला लेकिन अपना पहला मैच खेल रहे युवा सहल अपना संतुलन खो बैठे और लालिजुआला को बॉल पास करने में असमर्थ रहे।

 जहा भारत की फॉरवर्ड लाइन मौके बनाने में असमर्थ रह रही थी, वही विपक्षी टीम ने भारत पर एक के बाद एक धावे बोलना शुरू कर दिया था। दसवे मिनट में ही कुराकाओ को कार्नर मिला लेकिन गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने समझदारी से बॉल को पंच करते हुए भारतीय रक्षात्मक पंक्ति को एकजुट होने का एक और मौका दिया।

 कुराकाओ ने 16 वे मिनट में गोल करते हुए बढ़त हासिल की, प्रोणोय हलदर के कमज़ोर टैकल की वजह से विपक्षी टीम को बॉल लेने में कोई परेशानी नहीं हुयी इसके बाद नेपोमुसेनो के क्रॉस पर बोनेवासिया ने अपनी टीम का पहला गोल दागा। 18 वे मिनट पर डिफेंस लाइन के ज़्यादा आगे बढ़कर खेलने की वजह से एल्सोन हुई ने आसानी से बॉल को कण्ट्रोल करते हुए दूसरा गोल किया, बिना डिफेंस लाइन के गुरप्रीत ने उन्हें आगे आकर रोकने की कोशिश की लेकिन कुराकाओ के विंगर ने उन्हें आसानी से छकाते हुए और गुरप्रीत की मदद करने को आये सन्देश झिंगन को आसानी से पीछे छोड़ते बॉल को गोल पोस्ट में डाल दिया।

 30 वे मिनट में कुराकाओ के डिफेंडर का सहल के खिलाफ उचाई से बूट लगने की वजह से भारत को पेनल्टी मिली और कप्तान सुनील छेत्री ने बिना कोई गलती किये 31 वे मिनट में इसे गोल में बदल दिया। छेत्री का अपने 108 वे मैच में यह 68 वा अंतरष्ट्रीय गोल था।

मैच में वापसी की उम्मीद से खेल रही भारतीय टीम को फिर एक झटका लगा जब बकुना ने तीसरा गोल करते हुए स्कोर 3-1 कर दिया। इसके बाद भारतीय टीम ने कुछ अच्छे मौके बनाये लेकिन किसी को भी भुनाने में पूरी टीम असमर्थ रही। मैच के हाफ टाइम तक स्कोर कुराकाओ के पक्ष में रहा।

 दूसरे हाफ के शुरू होते ही कोच इगोर ने 2 बदलाव किये, रायनेर फर्नांडेस को प्रोणोय हलदर और अमरजीत सिंह को लालिजुआला चांगते की जगह उतारा गया, इसी के साथ दोनों खिलाड़ियों ने सीनियर टीम के लिए अपना डेब्यू किया।

 49 वे मिनट में ही रायनेर ने एक अच्छा मौका बनाते हुए सुनील छेत्री को बॉल पास किया, छेत्री ने बिना गलती किये सेण्टर में खेल रहे सहल को बॉल दी और सहल ने राइट साइड में खेल रहे उदांता को, लेकिन अपने काम उचाई वाले क्रॉस की वजह से उदांता कोई भी अटेकर को बॉल पास करने में असमर्थ रहे। 50 वे मिनट में भारत को अपना पहला कार्नर मिला लेकिन उसका भी टीम को कोई फायदा नहीं हुआ। 56 वे मिनट में सहल के पास पर उदांता ने छेत्री को अच्छा क्रॉस दिया लेकिन भारतीय कप्तान के पास स्कोर करने की कोई गुंजाइश ही नहीं थी।

पहले हाफ की तुलना में भारतीय टीम दूसरे हाफ ज़्यादा संतुलित खेल रही थी, 62 वे मिनट में अपना पहला मैच खेल रहे अमरजीत ने बकुना को आसानी से मार्क करते हुए विपक्षी टीम का एक अच्छा मूव बेकार कर दिया। 67 वे मिनट में ब्रैंडन फर्नांडेज की जगह माइकल सुइसाईराज को उतारा गया, वो इस मैच सीनियर टीम के लिए डेब्यू करने वाले छठे खिलाडी बने। हलकी बारिश में हो रहे मैच के 86 वे मिनट में प्रीतम कोटाल के पास पर सुनील छेत्री का हैडर गोल पोस्ट पे जाकर लगा और छेत्री मैच का अपना दूसरा गोल करने में नाकामयाब रहे। 90+1 मिनट में छेत्री के पास पर सुइसाईराज ने अच्छा शॉट लगाया लेकिन उनका शॉट कुछ ज़्यादा ही बाहर रहा और उसे आसानी से क्लियर कर दिया गया, भारत को एक और कार्नर मिला। सन्देश झिंगन ने कार्नर पे एक अच्छा हैडर लगाया लेकिन विपक्षी गोलकीपर ने इसे आसानी से खेल लिया ।

दूसरे हाफ में जहा भारतीय डिफ़ेंडरो ने विपक्षी टीम को एक भी गोल नहीं करने दिया वही भारतीय टीम गोल करने में भी असमर्थ रही।

 मैच का अंत 3-1 से कुराकाओ के पक्ष में रहा और इसी के साथ उन्होंने किंग्स कप के फाइनल में भी जगह बना ली है। चार देशो के बिच खेले जा रहे इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम 1977 के बाद पहली बार भाग ले रही है। टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली दो अन्य टीमें मेजबान थाईलैंड और वियतनाम है, जो की एक अन्य सेमी फाइनल में आमने-सामने होगी।

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