पीके बनर्जी के मार्गदर्शन में अपने कैरियर के सबसे बड़े मैचों में से एक खेला: बाईचुंग भूटिया

Update: 2020-03-20 12:35 GMT

भारत के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया खुद को खुशकिस्मत मानते हैं कि उन्हें पी के बनर्जी के मार्गदर्शन में खेलने का मौका मिला जिन्होंने उनसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराने में अहम भूमिका निभाई। मोहन बागान के खिलाफ मैच के दौरान भूटिया को उनके कोच अमल दत्ता से नस्लीय छींटाकशी का सामना करना पड़ा था लेकिन बनर्जी ने सारा दबाव खुद झेला और उसका असर उन पर नहीं पड़ने दिया। बनर्जी का लंबी बीमारी के बाद आज यहां निधन हो गया।

भूटिया ने 1997 फेडरेशन कप सेमीफाइनल मैच में ईस्ट बंगाल के लिये हैट्रिक लगाई थी जिसके दम पर उनकी टीम ने मोहन बागान पर 4-1 से जीत दर्ज की। उस मैच को देखने के लिये रिकार्ड सवा लाख दर्शक जुटे थे। भूटिया ने कहा ,'' उस मैच को लेकर काफी हाइप थी और अमल दा ने कुछ गैर जरूरी बयान भी दिया था। प्रदीप दा ने अपने खिलाड़ियों पर दबाव नहीं आने दिया।'' उन्होंने कहा ,''प्रदीप दा इतने शांतचित्त थे और वह मैच में भी दिखा। यही वजह है कि वह खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवा सके। यह मेरे कैरियर के सबसे बड़े मैचों में से एक था।''

भारतीय फुटबाल के सुनहरे दौर के पर्याय रहेंगे बनर्जी : एआईएफएफ अध्यक्ष पटेल

भारतीय फुटबाल महासंघ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि भारत के पूर्व कप्तान पी के बनर्जी का नाम भारतीय फुटबाल के स्वर्णिम दौर के साथ हमेशा जुड़ा रहेगा। अर्जुन पुरस्कार पाने वाले भारत के पहले फुटबालर बनर्जी का 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। पटेल ने अपने शोक संदेश में कहा ,''प्रदीप दा के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। भारतीय फुटबाल के लिये उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। प्रदीप दा, आप हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे।''

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