पॉवर लिफ्टिंग में वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले गौरव का सपना अब निशानेबाज़ी में भारत का 'गौरव' बनना है

Update: 2019-08-23 08:04 GMT

मंदिर में महंत, वेटलिफ़्टिंग में भी शानदार करियर फिर पॉवर लिफ़्टिंग में वर्ल्ड चैंपियन और अब निशानेबाज़ी में भी भारत को पदक दिलाने का सपना। आप जानकर हैरान रह जाएंगे हम किसी अलग अलग शख़्स की बात नहीं कर रहे बल्कि एक ऐसी शख़्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं जिनमें ये सभी गुण मौजूद है। और उस शख़्सियत का नाम है गौरव शर्मा, जिन्हें लोग भारत का बाहुबली के नाम से भी जानते हैं।

दिल्ली के रहने वाले हैं गौरव शर्मा

भारत का पॉवर लिफ़्टिंग में नाम रोशन करने वाले वर्ल्ड चैंपियन गौरव शर्मा अब निशानेबाज़ी में हाथ आज़माने को तैयार हैं। 32 वर्षीय गौरव फ़िलहाल 35वीं दिल्ली राज्य निशानेबाज़ी प्रतियोगिता के 10 मीटर पिस्टल इवेंट में हिस्सा ले रहे हैं। ये प्रतियोगिता दिल्ली राज्य राइफ़ल एसोसिएशन के अंतर्गत हो रही है।

गौरव ने 6 महीने पहले ही शूटिंग करना शुरू किया है और उन्हें पूरा भरोसा है कि वह जल्द ही निशानेबाज़ी में भी भारत की शान बढ़ाएंगे।

"पिछले 6 महीनों से मैं निशानेबाज़ी करता आ रहा रहूं, ये सच है कि मैं अभी सीख रहा हूं और मेरे कोच फ़लक़ शेर आलम मुझे मेरा नया सपना साकार करने में मदद कर रहे हैं। मुझे पता है कि अभी चल रहे इस इवेंट में पदक जीतना मुश्किल है, लेकिन मुझे पूरा भरोसा है आने वाले समय में मैं कुछ बड़ा करूंगा।'' : गौरव शर्मा, वर्ल्ड चैंपियन, पॉवर लिफ़्टिंग

गौरव पॉवर लिफ़्टिंग से निशानेबाज़ी में आने को लेकर कहते हैं कि उन्हें निशानेबाज़ी करना शुरू से ही पसंद है।

''मुझे पॉवर लिफ़्टिंग के बाद निशानेबाज़ी बहुत पसंद है, और मैं पिछले कई महीनों से निशानेबाज़ी में आने की सोच ही रहा था।'' : गौरव शर्मा, वर्ल्ड चैंपियन, पॉवर लिफ़्टिंग

अब शूटिंग में है भारत का गौरव बनने का सपना

पिछले साल गौरव को लंदन में प्रतिष्ठित महात्मा गांधी लीडरशीप अवॉर्ड से नवाज़ा गया था। गौरव ने 17 साल की उम्र से पॉवर लिफ़्टिंग करते आ रहे हैं, इस खेल में वह दिग्गज हैं। उन्होंने इसी साल यूरोपियन चैंपियनशिप में भारत के लिए दो गोल्ड मेडल जीते थे। गौरव के नाम 242 किग्रा भार उठाने का नया वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है।

दिल्ली के रहने वाले इस एथलीट ने 2016 में इंग्लैंड में आयोजित हुई वर्ल्ड पॉवर लिफ़्टिंग में भी दो स्वर्ण पदक भारत को दिलाए थे। इससे पहले 2007 में न्यूज़ीलैंड में आयोजित हुई कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में भी गौरव ने गोल्ड मेडल जीता था।

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इससे पहले भी गौरव अपना खेल बदल चुके हैं, दरअसल गौरव ने अपना करियर वेटलिफ़्टर के तौर पर शुरू किया था। लेकिन इसके बाद उन्होंने द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित कोच भुपिंदर धवन के मार्ग दर्शन में पॉवर लिफ़्टिंग में अपना करियर शुरू किया और आज गौरव वर्ल्ड चैंपियन हैं। गौरव दिल्ली के चांदनी चौक के मंदिर में महंत भी हैं, यानी एक ही शख़्स और इतनी प्रतिभा का धनी। गौरव अपने में ही ख़ास हैं और सच में ये भारत के गौरव हैं।

चांदनी चौक मंदिर में महंत भी हैं गौरव शर्मा

गौरव का नया ख़्वाब अब निशानेबाज़ी है, ताक़त के दम पर भारत को कई बार अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सबसे ऊपर रखने वाले पॉवर लिफ़्टर के निशाने पर अब ओलंपिक मेडल है। और ये लक्ष्य इस बार ताक़त से नहीं बल्कि अपने सटीक निशाने से गौरव हासिल करना चाहते हैं और बनना चाहते हैं ओलंपिक में भी भारत के 'गौरव'।

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