कश्मीर से कन्याकुमारी: 4 हजार किमी की साइकिल यात्रा पर निकली लेडी डॉक्टर

डॉक्टर सीमा अग्रवाल का कहना है कि इच्छा शक्ति मजबूत हो तो दुनिया का कोई काम नामुमकिन नहीं है

Update: 2022-09-21 14:31 GMT

डॉक्टर सीमा अग्रवाल

अगर आपके इरादे मजबूत हो और कुछ साहसिक कर दिखने की चाह हो रास्ते अपने आप बन जाते है। ऐसे ही मजबूत इरादों वाली महिला है जबलपुर की वंडर वुमैन लेडी डॉक्टर सीमा अग्रवाल। वे फिर निकल पड़ी हैं अपनी साइकिल पर। वो इस बार 4 हजार किमी की साइकिल यात्रा पर हैं। वो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की दूरी साइकिल पर तय करेंगी। इस बार महिलाओं को वो संदेश देने निकली हैं। सफर लंबा और कठिन है लेकिन उनको पूरा विश्वास है को वह इसमें कामयाब होगी।

हौसले में अगर जान हो तो उड़ान आसान हो जाती है। जबलपुर की आयुर्वेदिक डॉक्टर सीमा अग्रवाल का यही हौसला उन्हें एक अनोखी यात्रा पर ले जा रहा है। डॉ सीमा इस बार जम्मू से कन्याकुमारी तक की यात्रा साइकिल से करने जा रही हैं। वो तीन बेटियों की मां हैं। लेकिन उम्र या थकान उन पर हावी नहीं। उनके हौसले ने डर और आलस सबको पस्त कर दिया है। डॉ सीमा अग्रवाल का यह जज्बा उन्हें फिर से इस बार एक लंबी साइकिल यात्रा पर ले जा रहा है। डॉ सीमा अग्रवाल जम्मू से कन्याकुमारी तक लगभग 43 सौ किलोमीटर का सफर साइकिल से तय करेंगी। इस दौरान वह सैकड़ों गांवों और शहरों को पार करेंगी। डॉ सीमा जबलपुर से जम्मू के लिए रवाना हो गई हैं। वहां से उनकी साइकिल यात्रा 26 सितंबर से शुरू होगी।

 डॉ सीमा बताती हैं कि उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण के सन्देश को दूर दूर तक पहुँचाने के लिए इस यात्रा को करने का फैसला किया। आज भी देश में महिलाएं घर की चारदीवारी में कैद होकर रह जाती हैं। घर हो या फिर बाहर महिला पुरुष की बराबरी की बात तो की जाती है। लेकिन आज भी देश में महिला और पुरुष बराबर नहीं हैं। हमेशा महिलाओं की शक्ति पर शक किया जाता है। इसलिए वह इस यात्रा को अकेले पूरा करने जा रही हैं। ताकि महिलाओं को संदेश दे सकें कि अगर एक अकेली महिला भी ठान ले तो उसके लिए हर काम आसान हो जाता है। उसके इस रास्ते पर कोई भी परेशानी नहीं आ सकती।

उनका कहना है कि इच्छा शक्ति मजबूत हो तो दुनिया का कोई काम नामुमकिन नहीं है। महिलाओं को अपनी ताकत पहचानना चाहिए। मन की इच्छाओं को पूरा करना चाहिए। समय से ज्यादा कीमती कुछ भी नहीं है। 

डॉ सीमा इसके पहले भी वो नर्मदा परिक्रमा और जबलपुर से बनारस तक साइकिल यात्रा कर चुकी हैं। लिहाजा उन्हें साइकिल यात्रा का पूरा अनुभव और रास्ते में आने वाली कठिनाइयों का अंदाज है। इस मौके पर महिला संगठनों ने भी डॉक्टर सीमा अग्रवाल का हौसला बढ़ाया। उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं दीं ताकि उनकी यात्रा सफल हो और महिलाओं को उनके सशक्तिकरण का संदेश मिल सके।

Tags:    

Similar News