सात्विक-चिराग की जोड़ी ओलंपिक पदक हासिल कर सकती है-फ्लैंडी लिम्पेले

Update: 2019-12-27 11:17 GMT

भारतीय बैडमिंटन में अब तक किसी भी जोड़ी ने ओलंपिक खेलों में पदक हासिल नहीं किया है। आगामी टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए डबल्स के कोच फ्लैंडी लिम्पेले का मानना है कि सात्विक- चिराग की जोड़ी नया इतिहास रच सकती है और देश के लिए पदक हासिल कर सकती है।

सात्विक-चिराग की जोड़ी के लिए यह साल शानदार रहा है। उन्होंने थाईलैंड ओपन का खिताब अपने नाम किया जबकि फ्रेंच ओपन में वह उपविजेता रहे। थाईलैंड ओपन उनका पहला सुपर 500 खिताब था। शानदार प्रदर्शन के कारण वह अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ सातवीं रैंकिंग तक पहुंचने में सफल रहे हैं।

डबल्स के कोच फ्लैंडी लिम्पेले ने पीटीआई से कहा, "उन्होंने इस साल अच्छी प्रगति की है लेकिन कुछ चीजें हैं जिन्हें बदलने की जरूरत है। उनके पास ओलंपिक में पदक जीतने की क्षमता है, लेकिन उन्हें शॉट चयन, ऑन-कोर्ट रणनीति के संदर्भ में अधिक सुसंगत रहने की जरूरत है और कुल मिलाकर सुधार करना होगा।"

उन्होंने कहा, "उनका आक्रामक खेल अच्छा है लेकिन उनका डिफेन्स ख़राब है। उनका प्रदर्शन ऊपर-नीचे होता रहा है और ओलंपिक अब बहुत दूर नहीं है, इसलिए उन्हें अपने डिफेन्स पर काम करने की जरूरत है। इसके अलावा एक बार जब उन्हें अधिक अनुभव हो जायेगा तो वे शीर्ष अंतरराष्ट्रीय जोड़ियों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करेंगे।"

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कोच ने कहा कि डबल्स में खिलाड़ियों को एक दूसरे को प्रेरित करने की जरुरत है। उन्होंने कहा,"यह डबल्स में समस्या बन जाती है क्योंकि यह टीम गेम है। यह व्यक्तिगत खेल नहीं है, इसलिए आपको अपने साथी की आवश्यकता है। आपको एक साथ ट्रेनिंग और एक-दूसरे को प्रेरित करने की आवश्यकता है। उन्हें एक ही लक्ष्य रखने की आवश्यकता है, एक ही स्तर पर रहने की आवश्यकता है, यदि ऐसा नहीं हैं, तो टूर्नामेंट जीतना संभव नहीं है। कभी-कभी वे मेरे विचारों को नहीं सुनते हैं और पर्याप्त प्रयास नहीं करते हैं। वे व्यक्तिगत रूप से सोच रहे होते हैं, एक टीम के रूप में नहीं।"

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