किसी मिसाल से कम नहीं है खेलों इंडिया यूथ गेम्स में भाग लेने वाली बिहार की मुक्केबाज रात रानी की कहानी

रात रानी के लिए किसी सपने के जैसा है खेलो इंडिया यूथ गेम्स का प्लेटफार्म।

Update: 2023-02-02 13:49 GMT

बिहार की मुक्केबाज रात रानी पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स में हिस्सा लेने के लिए मध्य प्रदेश आई हैं। बिहार के मुंगेर जिला के एक गांव में रहने वाली रात रानी जिस सामाजिक परिदृश्य से संबंध रखती है और जिस तरह उन्होंने संघर्ष करते हुए अपने अंदर मुक्केबाजी का अलख जगाए रखा है, उसे देखते हुए उन्हें खेलो इंडिया यूथ गेम्स में हिस्सा लेने वाली ग्रासरूट प्रतिभा के सबसे उत्तम उदाहरणों में से एक मानी जा सकता है।

बिहार की टीम में शामिल लाइट फ्लाईवेट मुक्केबाज रात रानी का भोपाल में होना खेलो इंडिया यूथ गेम्स जैसे आयोजन की सफलता को बयां करता है, जहां ग्रासरूट स्तर के खिलाड़ियों को अपना फन दिखाने का मौका दिया जाता है। इससे मर्म में यही है। दूसरी ओर, ग्रासरूट प्रतिभा के सबसे उत्तम उदाहरणों में से एक मानी जा सकने वाली-रात रानी के लिए यह प्लेटफार्म किसी सपने के सच होने जैसा है, जो एक दिन एमसी मैरीकाम और निकहत जरीन जैसा विश्व चैंपियन बनने का ख्वाब रखती है।

बिहार के मुंगेर के एक छोटे से गांव हसनगंज की निवासी रात रानी ने साई रीजनल सेंटर तक का सफर तमाम दुश्वारियों को झेलते हुए काटा है। 2 फरवरी को 18 साल पूरा करने वाली रात रानी एक किसान की सात संतानों में से छठे नम्बर की संतान है, जो अपने परिवार की जरूरतों को बमुश्किल पूरा कर पाता है। लेकिन इन दुश्वारियों ने रात रानी को सपना देखने से नहीं रोका, जो वह रात में नहीं बल्कि दिन में खुली आंखों से देखती है।

अपने भाई के दोस्त की देखरेख में हसनगंज में एक किराए के मकान की छत पर खाली पर प्रैक्टिस करने वाली रात रानी ने अपनी कहां कुछ इस तरह बयां की,- मैं मुंगेर से खेलो इंडिया यूथ गेम्स खेलने वाली एकमात्र लड़की हूं। मेरे लिए यह गर्व की बात है। मैं यूथ नेशनल (चेन्नई में) भी खेली हूं। बीते डेढ़ साल में मैंने जो हासिल किया है, उससे मैं खुश हूं लेकिन इतना कुछ हासिल करने के लिए मैंने जो मुश्किलें झेली हैं, वह झेल पाना सबके बस की बात नहीं।-

भोपाल में अपने वेट कटेगरी में पहले राउंड में बाई पाने के बाद दूसरे राउंड में सिक्किम की मुक्केबाज को हराने वाली रात रानी ने कहा कि वह खाली पैर और बहुत ही सस्ते ग्लब्स से अपने भाई के दोस्त के साथ छत पर प्रैक्टिस किया करती है। रात रानी ने कहा, - मेरे लिए खेलो इंडिया यूथ गेम्स जैसे प्लेटफार्म का सफर किसी सपने के सच होने जैसा है। यहां आकर लगा कि दुनिया कितनी बड़ी है और मुझे कितनी मेहनत करनी है। मैं मेहनत से नहीं डरती और इसी कारण तमाम मुश्किलों के बावजूद इस गेम से जुड़ी रही।

रात रानी ने कहा कि अपनी इस उपलब्धि से वह खुश हैं लेकिन संतुष्ट नहीं क्योंकि उनका सपना मैरीकोम और निखत की राह पर चलते हुए देश और विदेश में नाम कमाना है। रात रानी ने कहा,- बिहार की बेटी होने पर मुझे गर्व है। मैंने अब तक जो कुछ हासिल किया है, उसने मुझे अपने जिले में शोहरत दी है लेकिन मैं इससे ऊपर जाकर राज्य और देश के लिए पदक जीतना चाहती हूं और खेलो इंडिया प्लेटफार्म मेरे इस सफर में मील का पत्थर साबित होगा।

भोपाल आने से पहले खेलो इंडिया यूथ गेम्स के बारे में रात रानी ज्यादा कुछ नहीं जानती थी लेकिन टीटी नगर पहुंचने के बाद इस आयोजन को लेकर उसकी सोच बिल्कुल साफ हो गई। रात रानी ने कहा,- यहां आकर बहुत अच्छा लगा। यहां सब गेम होते हैं और इतने सारे खिलाड़ियों से मिलने का मौका मिलता है। इनमें से कुछ मेरी जैसी हैं लेकिन मैं इनसे अलग बनना चाहती हूं और इसी कारण मैं पहले नेशनल में और फिर देश के लिए गोल्ड जीतना चाहती हूं और इसके लिए मैं खूब मेहनत करूंगी।-

Tags:    

Similar News