पाकिस्तान गई कबड्डी टीम की होगी जाँच, खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने दिये आदेश

Update: 2020-02-18 06:32 GMT

खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को राष्ट्रीय कबड्डी महासंघ (एकेएफआई) को 'अनधिकृत' भारतीय टीम के पाकिस्तान में सर्कल शैली के विश्व कप में हिस्सा लेने की जांच करने के आदेश दिए। इस बीच हालांकि टीम के प्रमोटर ने कहा है कि 'अनौपचारिक' टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए स्वीकृति की जरूरत नहीं थी। फाइनल में हार के बाद टीम रविवार को लाहौर से लौट आई। टीम ने हालांकि इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने को लेकर काफी विवाद हुआ जिससे अंतरराष्ट्रीय कबड्डी महासंघ ने 'अवैध' करार दिया।

अटारी-वाघा बार्डर के जरिए जमीनी रास्ते से वापस लौटने पर टीम प्रमोटर देविंदर सिंह बाजवा ने कहा, ''इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए हमें किसी प्राधिकरण से स्वीकृति की जरूरत नहीं थी क्योंकि हम सभी व्यक्तिगत तौर पर वहां गए थे।'' उन्होंने कहा, ''हमारे अपने पांच स्वतंत्र महासंघ हैं जो प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए निजी तौर पर पाकिस्तान गए थे। इसलिए इसमें कुछ भी गलत नहीं है।'' नयी दिल्ली में खेल मंत्री ने कहा कि उन्होंने भारतीय एमेच्योर कबड्डी महासंघ को जांच के आदेश दिए हैं।

रिजिजू ने कहा, ''हमारी आधिकारिक कबड्डी टीम पाकिस्तान नहीं गई थी। हमें नहीं पता कि वहां कौन गया था। यह सही नहीं है कि कोई भी अनधिकृत टीम कहीं भी जाए और भारत के नाम से खेले। हमने कोई आधिकारिक टीम नहीं भेजी।'' उन्होंने कहा, ''हम कबड्डी महासंघ से जांच करने को कहेंगे और उन लोगों की पहचान करेंगे जो वहां गए और बिना स्वीकृति के भारत के नाम का इस्तेमाल किया। किसी भी मान्यता प्राप्त टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए यह अनिवार्य है कि संबंधित खेल के राष्ट्रीय महासंघ से स्वीकृति ली जाए।''

मंत्री ने हालांकि कहा, ''अगर कोई किसी निजी टूर्नामेंट के लिए जाता है तो हम कुछ नहीं कर सकते।'' फाइनल में भारत को हराकर खिताब जीतने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी टीम को ट्विटर पर बधाई दी और इस बारे में पूछने पर रिजिजू ने कहा कि इमरान ने बुद्धिमानी का काम नहीं किया। उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के लिए यह बुद्धिमानी भरा नहीं है कि वह इस तरह के बयान दें। यह गंभीर मुद्दा है। इमरान खान स्वयं खिलाड़ी हैं, अब वह प्रधानमंत्री बन गए हैं लेकिन उन्हें इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए।'' बाजवा ने कहा है कि यह टूर्नामेंटा सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के 550वें जयंती समारोह के कार्यक्रम का हिस्सा था।

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