भारत में एशियन चैंपियन बनने की काबीलियत है: संदीप सिंह

भारत के पूर्व खिलाड़ी संदीप सिंह की संस्था है ग्लोबल एडीफिकेशन एंड स्पोर्टस। जिसका उद्देशय भारत में बास्केटबॅाल का विकास करना है।

Update: 2019-11-08 09:56 GMT

भारत में बास्केटबॅाल के बारे में बात करें तो बीतें दिनों इस खेल को लेकर नजरइया बदला है। सतनाम और अमज्योत सिंह जैसे खिलाड़ियों ने विदेशों में अपना डंका बजवाया है। वहीं हाल ही में एनबीए इंडिया गेम्स ने भारत में पेशेवर लीग के आयोजन की फिर से एक बार आस जगा दी है। यह तो हम उनके बारे में बता रहे हैं। जिसके बारे में आप लोग पहले से जानते हैं। आज हम आपको उस शख्स से मिलाने जा रहे हैं जिसका नाम गूगल पर टाइप करने पर भी इनके बारे में कुछ पता नहीं चलेगा। ये वो शख्स है जो भारत में जमीनी स्तर पर भारतीय बास्केटबॅाल को  सुधारने का काम कर रहे हैं। इनका नाम है संदीप सिंह। संदीप भारत के लिए 1996 से लेकर 1998 तक खेल चुके हैं। पंजाब के रहने वाला यह खिलाड़ी राम कुमार और परमींदर सिंह जैसे दिग्गजों वाली टीम का हिस्सा रह चुका है। संदीप भले ही भारत की जर्सी में ज्यादा कुछ नहीं कर पाएं लेकिन उनका एक सपना है भविष्य में हाई परफमेंस अकादमी खोलने का जहां से खिलाड़ी निकलकर वो कर पाएं जो वो खुद ना कर सकें। इसी सपने को मद्देनजर ऱखते हुए संदीप दिन-रात काम कर रहे हैं। भारत के पूर्व खिलाड़ी की संस्था है ग्लोबल एडीफिकेशन एंड स्पोर्टस। जिसका उद्देशय भारत में बास्केटबॅाल का विकास करना है। साथ ही संदीप सिंह की संस्था का हाल ही में एनबीए लेजेंड टॅानी पार्कर एडीवकेट अकादमी के साथ करार हुआ है। जिसके तहत फ्रांस के पूर्व बास्केटबॅाल खिलाड़ी भारत में कोच भेजेंग साथ ही कुछ युवा खिलाड़ियों को अपने देश में भी प्रशिक्षण देंगे। इसी सिलसिले में द ब्रीज ने संदीप सिंह से बात की और जानना चाहा उनके नाम के पीछे मकसद और भविष्य के योजनाओं के बारे में

1) अभी तक आपके संस्था कितने एनबीए खिलाड़ियों को बुला चुकी है, साथ ही आपको किसी भी तरह से भारतीय बास्केटबॅाल संघ से किसी भी प्रकार की सहायता मिली है?

संदीप सिंह: अभी तक हम भारत में 2 एनबीए खिलाड़ी ला चुके हैं सैम विनसेंट औऱ डेविड रिवर्स ये दोनों लेजेंडरी प्लेयर माइकल जोर्डेन और मैजिक जॅानसन के साथ खेल चुके हैं। रिवर्स फिलहाल हमारे साथ काम कर रहे हैं। सितंबर में हमने एक वर्कशॅाप का आयोजन किया था। जहां पर उन्होंने अपने अनुभव को युवा खिलाड़ियों के साथ साझा करते हुए उन्होंने इस खेल से जुड़ी बेसिक चीजों के बारे में बताया। इस प्रशिक्षण कैंप का आयोजन जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में हुआ था। इस प्रोग्राम के अंतिम दिन भारत की पूर्व 2 महिला बास्केटबॅाल टीम की कप्तान दिव्या सिंह और प्रशांति सिंह भी मौजूद थी। रही बात भारतीय बास्केटबॅाल संघ की तो उनकी तरफ से हमें कुछ भी सहायता नहीं मिली। बीएफआई के आला अधिकारियों का कहना है कि हम प्राइवेट कार्यक्रम में निवेश नहीं करते हैं।  

2) कोई और विदेशी खिलाड़ियों ने आपके इस नेक पहल में सहयोग करने की बात कही है?

संदीप सिंह: बाहर के खिलाड़ी उपर से बोलते  हैं की हम इस खेल को आगे बढ़ाने के लिए वहीं दूसरी तरफ जब किसी भी कार्यक्रम के साथ जुड़ने के कहते हैं वो पैसे मांगना शुरू कर देते हैं। टॅानी पार्कर एडीवकेट अकादमी के साथ हमने एक करार किया है। जहां हम 5 खिलाड़ियों को टॅानी पार्कर की फ्रांस स्थित अकादमी में प्रशिक्षण के लिए भेजेंगे। साथ ही एनबीए खिलाड़ियों हर 2-3 महीने के अंतराल में भारत प्रशिक्षण के लिए आते रहेंगे।

3) इन सब कार्यक्रम को कराने के पीछे आपका मकसद क्या है?

संदीप सिंह: इन कार्यक्रम को कराने के पीछे एक मकसद भारत में बास्केटबॅाल का विकास कराना है । हम जब कुछ कराते हैं बच्चे हमें नहीं सुनेंगे लेकिन वहीं चीज एनबीए खिलाड़ी बताएंगे तो वो बड़ी ताव से सुनकर उसपर अमल करेंगे साथा ही वो उन जैसा प्रयास करेंगे । मकसद साथ में ये भी है कि यही खिलाड़ी जब आगे जाएं तो इन्हें टॅाप खिलाड़ियों के सामने खेलने पर डर नहीं लगे।

4) आपके समय में और आज जो भारत में बास्केटबॅाल खेला जाता है उसमें क्या अंतर है?

संदीप सिंह: हमारे समय और आज जो भारत में बास्केटबॅाल खेला जाता है उसमें कुछ ज्यादा बदलाव नहीं है। एक अंतर यह है कि हमारे समय खिलाड़ियों को 2 साल में एक टूर्नामेंट खेलने का मौका मिलता था। वहीं आज के खिलाड़ियों को खेलने का काफी मौका मिलता है। बावजूद इसके खिलाड़ी क्यों अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे है ये सोचने वाली बात हैं। इसमें चयनकर्ताओं को भी सोचना होगा की वो किस प्रकार की टीम चुनते हैं । हमारे समय पर भी स्टेट संघ में खिलाड़ियों को लेकर राजनीति चलती थी जो आज भी चली आ रही है।

5) क्या इंडिया कभी एशियन चैंपियन बनेगा या कभी हमारे देश का खिलाड़ी एनबीए में खेलते हुए दिखेगा?     

संदीप सिंह: भारत में एशियन चैंपियन बनने की पूरी काबलियत है। बस हमें सही उम्र में खिलाड़ियों को तरासकर उनपर काम करने की जरूरत है। जैसे हम टॅानी पार्कर एडीवकेट अकदामी के साथ कर रहे हैं। हमें अच्छे स्पांसर मिले तो हम भी विश्व के बेहतरीन खिलाड़ी तैयार कर सकते हैं। रही बात एनबीए की भारत का खिलाड़ी जल्द इस लीग में खेलते हुए देखेंगे।   

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