विमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप: भारत की मैरी कॉम ने अपना 8वां पदक किया पक्का, बना डाला वर्ल्ड रिकॉर्ड

Update: 2019-10-10 10:34 GMT

रूस में चल रही AIBA विमेंस वर्ल्ड चैंपियनशिप में गुरुवार की सुबह भारत ने अपना पहला पदक पक्का कर लिया। जब 6 बार की वर्ल्ड चैंपियन एम सी मैरी कॉम ने 51 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फ़ाइनल मुक़ाबले में कोलंबिया की मुक्केबाज़ इन्गर्ट वैलेन्सिया को 5-0 से शिकस्त दी। मैरी कॉम ने अब सेमीफ़ाइनल में जगह बना ली है, इसके साथ ही मैरी कॉम ने एक बड़ा इतिहास भी रच दिया है, वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में उनके नाम अब कुल 8 पदक हो गए हैं और ऐसा करने वाली वह पुरुष या महिला किसी भी श्रेणी में दुनिया की इकलौती और पहली मुक्केबाज़ हो गईं हैं।

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इससे पहले पिछले साल 2018 में ही मैरी कॉम ने अपना 7वां पदक जीतते हुए क्यूबा के दिग्गज पुरुष मुक्केबाज़ फ़ेलिक्स सेवन (91 किग्रा) की बराबरी कर ली थी, और गुरुवार को उन्होंने सेवन को पीछे छोड़ते हुए सबसे ऊपर जा खड़ी हुई हैं।

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मैरी कॉम ने जिस अंदाज़ में जीत दर्ज की वह भी शानदार है, उनका सामना जिस कोलंबिया की मुक्केबाज़ से था, वह रियो ओलंपिक 2016 की कांस्य पदक विजेता भी हैं। लेकिन मैरीकॉम ने वैलेन्सिया को 29-28, 30-27, 29-28, 30-27 और 29-28 से शिकस्त दी।

इसके साथ ही मैरी कॉम ने अपने ऊपर उठ रहे उन सारे सवालों का भी जवाब दे दिया, जब उनके इस प्रतियोगिता में बिना ट्रायल्स के आने पर बहस छिड़ गई थी। आपको बताते चलें कि विमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में मैरी कॉम बिना ट्रायल के पहुंची थी, जिसको लेकर काफ़ी विवाद भी हुआ था और फिर उन्होंने ये कहते हुए इस बहस को और बढ़ा दिया था कि क्या साइना और सिंधु भी ट्रायल्स में हिस्सा लेती हैं ?

लेकिन अब जब मैरी कॉम ने भारत के लिए विमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत के लिए पहला पदक पक्का कर दिया है, तो इन बातों पर विराम लगना तय है। साथ ही साथ मैरी कॉम की नज़र अब पदक के रंग को बदलते हुए सबसे ज़्यादा वर्ल्ड चैंपियन बनने के वर्ल्ड रिकॉर्ड पर होगी। फ़िलहाल मैरी कॉम महिला और पुरुष दोनों श्रेणियों में सबसे ज़्यादा बार वर्ल्ड चैंपियन बनने के रिकॉर्ड के बराबर हैं, मैरी कॉम के नाम 6 बार वर्ल्ड चैंपियन का ख़िताब है।

इसके अलावा भारत की एक और मुक्केबाज़ मंजू रानी ने भी 48 किग्रा वर्ग में उत्तर कोरिया की मुक्केबाज़ जो टॉप सीडेड भी थीं, उन्हें शिकस्त देकर भारत का एक और पदक पक्का कर दिया। मंजू रानी की ये पहली वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप है और उसमें ऐसा धमाल करना, क़ाबिल-ए-तारीफ़ हैं।

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भारत के लिए +81 किग्रा में निराशा हाथ लगी जहां कविता को हार का सामना करना पड़ा।

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