आसान नहीं था नीरज चोपड़ा का अब तक सफर, जाने उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें

भारत के स्टार खिलाड़ी बन चुके नीरज का जीवन चुनौतियों से कम नही था

Update: 2022-07-24 11:29 GMT

नीरज चोपड़ा 

भारतीय स्टार खिलाड़ी और ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल करने वाले दूसरे भारतीय और पहले पुरुष एथलीट बन गए हैं।

नीरज ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल मुकाबले में 88.13 मीटर भाला फेंक कर रजत पदक अपने नाम किया।

भारत के स्टार खिलाड़ी बन चुके नीरज का जीवन चुनौतियों से कम नही था। उनकी ऐतिहासिक जीत के मौके पर जानते है नीरज के जीवन से जुड़ी कुछ अहम किस्से-

1. वजन कम करने के लिए शुरू किया खेलना

बचपन में नीरज काफी मोटे थे, जिसकी वजह से इनके पिता और चाचा ने इन्हें खेल-खेलकर वजन घटाने के लिए कहा। परिवार के दवाब में नीरज दौड़कर वजन घटाने के लिए तैयार हुए और अभ्यास करने के लिए अपने चाचा संग गांव से 15 किलोमीटर दूर पानीपत शिवाजी स्टेडियम गए।

2. इस तरह शुरू किया भाला फेकना

नीरज को दौड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं थी, जब नीरज ने स्टेडियम में कई खिलाड़ियों को भाला फेंकते हुए देखा, तो हंसी-मजाक में उन्होंने भी इसे करने का सोचा और पूरी ताकत के साथ भाले को फेंका, जिसे देखकर वहां के सभी खिलाड़ी हैरान हो गए। नीरज ने मात्र 11 वर्ष की आयु में 25 मीटर से भी दूर तक भाला फेंक दिया था, जिसपर उन्हे खूब तारीफ मिली और इस तरह उनकी भाला फेंक में रुचि जगी।

3. साधारण भाले से खेलकर की शुरुआत

नीरज एक गरीब परिवार से संबंध रखते हैं इनके माता पिता बेहद गरीब हैं। 17 सदस्यों वाले इस संयुक्त परिवार के बेटे ने अपना अभ्यास एक साधारण भाले से किया। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण नीरज ने बहुत ही मुश्किल से डेढ़ लाख का आने वाला भाला मात्र 7 हजार में खरीद कर अभ्यास शुरू किया।

4. प्रशिक्षण के लिए यूट्यूब का लिया सहारा

नीरज चोपड़ा भले ही आज देश के नागरिकों के दिलों में छाए हुए हैं लेकिन असलियत यह है कि उनका शुरू से ही कोई कोच नहीं रहा है। वह हर रोज इसकी कम से कम 7-8 घंटे प्रेक्टिस करते रहे। भाला फेंकने के सही माध्यम को समझने के लिए उन्होंने यूट्यूब को अपना सहारा बनाया। वह हर दिन वीडियो देखते और अपने परफार्मेंश में सुधार करने की कोशिश में लगे रहते। मेहनत करते हुए नीरज धीरे-धीरे ओर आगे बढ़े और यमुना नगर में इसकी ट्रेनिंग करना शुरू की।

5. जयवीर चौधरी ने पहचानी नीरज की प्रतिभा

भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी जयवीर चौधरी ने 2011 मे नीरज की प्रतिभा को पहचाना था। जिसके बाद नीरज बेहतर सुविधाओं के लिए पंचकुला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में पहुंचे और 2012 में अंडर 16 राष्ट्रीय चैंपियन बन गए।

6. सेना में सूबेदार पद पर हुए भर्ती

नीरज भारतीय सेना की राजपूताना रेजिमेंट में सूबेदार पद पर हैं। 2016 में चोपड़ा को नायब सूबेदार पद पर जूनियर कमिशंड ऑफिसर के रूप के चुना गया था। भारतीय सेना में भर्ती होने के बाद नीरज को मिशन ओलंपिक विंग और आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट पुणे में चुना गया था।


7. ऐसे आए सुर्खियों में

नीरज ने 2016 में हुई जूनियर विश्व चैंपियनशिप में 86.48 मीटर के अंडर 20 विश्व रिकॉर्ड के साथ ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता, जिसके बाद वह लोगों की नजर में बस गए।

8. अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित

2017 एशियाई खेलों में शीर्ष स्थान करने के बाद नीरज 2018 के राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने में सफल हुए। जिसके बाद 2018 में ही उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

अगले साल यानी की 2019 में चोट के कारण नीरज लगभग एक साल तक खेलों से दूर रहें, लेकिन इसके बाद उन्होंने जबरदस्त वापसी की और टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल कर देश का सीना गर्व से ऊंचा कर दिया। जिसके बाद नीरज से कभी पीछे मुड़कर नही देखा और लगातार शानदार प्रदर्शन कर अपने और अपने देश का नाम रौशन किया।

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