भारतीय डिस्कस थ्रो एथलीट नवजीत कौर डोप टेस्ट में फेल, तीन साल का लगा प्रतिबंध

नवजीत कौर ढिल्लों ने एआईयू को लिखे पत्र में यह स्वीकार किया कि उन्होंने सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल किया था, लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि यह प्रतिबंधित है।

Update: 2022-08-28 07:21 GMT

गोल्ड कोस्ट में हुए 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक हासिल करने वाली भारत की स्टार डिस्कस थ्रो एथलीट नवजीत कौर को बड़ा झटका लगा हैं। डिस्कस थ्रो की सर्वश्रेष्ठ भारतीय खिलाड़ी कजाकिस्तान में एथलेटिक्स इंट्रीग्रिटी यूनिट (एआईयू) द्वारा  प्रतियोगिता के दौरान किये गए डोप टेस्ट में फेल हो गई थी। जिस कारण उनके ऊपर तीन साल का प्रतिबंध लगा दिया गया हैं।

नवजीत कौर ढिल्लों का डोप टेस्ट बीते 24 जून को कजाकिस्तान में हुआ था। इस टेस्ट के एक दिन पहले ही नवजीत कौर ने 56.24 मीटर के थ्रो के साथ कोसानोव मेमोरियल मीट में स्वर्ण पदक जीता था।

उनके नमूने की जांच करने के बाद यह पाया गया है कि उन्होंने प्रतिबंधित पदार्थों का सेवन किया हुआ था। ढिल्लों की रिपोर्ट के अनुसार उनके नमूने में DHCMT स्टेयरॉयड मिले हैं।

एआईयू ने बताया,"27 वर्षीय नवजीत कौर ढिल्लों के नमूने में डीहाइड्रोक्लोरो मेथिल टेस्टोस्टेरोन (DHCMT) मिला है, जो कि विश्व एथलेटिक्स द्वारा एक प्रतिबंधित एनाबॉलिक-एंड्रोजेनिक स्टेरॉयड है।

जानकारी के मुताबिक नवजीत का नमूना राष्ट्रमंडल खेलों से पहले ही लिया गया था। लेकिन टेस्टिंग में समय लगने के कारण उसकी रिपोर्ट अब आई है। ऐसे में साफ है कि अगर बर्मिंघम में नवजीत ने भारत के लिए कोई पदक जीता होता, तो अब डोप टेस्ट में फेल होने के बाद वो पदक वापस ले लिया जाता।

नियमानुसार, टेस्ट में पकड़े जाने के बाद चार साल का प्रतिबंध लगाया जाता है, लेकिन नियम यह भी कहता है कि अगर आरोपी स्वीकार कर ले कि उसने नियमों का उल्लंघन किया है तो उसकी सजा कम हो सकती है। नवजीत कौर ढिल्लों ने एआईयू को लिखे पत्र में यह स्वीकार किया कि उन्होंने सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल किया था, लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि यह प्रतिबंधित है।

बता दें नवजीत कौर का बर्मिंघम में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में निराशाजनक रहा प्रदर्शन था और वह फाइनल में 8वें स्थान पर रहीं थीं।

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