Commonwealth Games 2022: ढिंग एक्सप्रेस के नाम से मशहूर हिमा से पदक की उम्मीद, जानें उनके इस पूरे सफ़र की कहानी

नीरज चोपड़ा के बाद हिमा अंडर-20 चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली भारत की दूसरी एथलीट हैं

Update: 2022-07-28 08:26 GMT

हिमा दास 

राष्ट्रमंडल खेल 2022 का आगाज़ आज से हो गया हैं। भारत की ओर से इस बार 215 एथलीट्स का बड़ा दल हिस्सा लेने जा रहा हैं। कई बड़े और दिग्गज खिलाड़ियों का नाम पदक के प्रबल दावेदारों में शुमार हैं, जिनसे लोगों को पूरी उम्मीद है वह देश को निराश नही करेंगे, और भारत के लिए पदक जीत कर आयेंगे। ऐसे ही प्रबल दावेदारों में एक नाम भारतीय स्रिपंटर हिमा दास का भी हैं।

ढिंग एक्सप्रेस के नाम से मशहूर भारत की हिमा दास, गोल्ड कोस्ट में हुए 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में भले ही पदक न जीत पाई हो, पर इस बार लोगों को पूरी उम्मीद है की हिमा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगी और देश के लिए स्वर्ण जीतकर आएंगी।

असम के कांधूलीमारी गाँव में सन् 2000 में जन्मी हिमा का पालन पोषण एक किसान परिवार में हुआ हैं। 5 भाई-बहनों में सबसे छोटी हिमा को बचपन से फुटबॉल खेलना पसंद था। लेकिन असम में चावल के खेतों में दौड़ते समय उनकी गति ने उनके स्कूल कोच को चौंका दिया, जिसकी वजह से कोच ने उन्हें एथलेटिक्स में कोशिश करने को कहा। जिसके बाद हिमा ने कभी पीछे मुड़कर नही देखा।

हिमा ने स्टेट मीट में 100 मीटर दौड़ में कांस्य पदक हासिल कर जूनियर नेशनल चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई। 100 और 200 मीटर पर अपनी पहचान बना चुकी हिमा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 400 मीटर दौड़ में दौड़ने का मौका मिला। जिसके बाद उन्होंने मार्च 2018 में फेडरेशन कप में मात्र 51.97 सेकंड में 400 मीटर दौड़ लगाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया और अपने इस प्रदर्शन से सबको चौंका दिया।


हिमा ने खूब सुर्खियों बटोरी जब उन्होंने 12 जुलाई 2018 को अंडर-20 चैंपियनशिप में 400 मीटर मे मात्र 51.46 सेकंड के समय के साथ स्वर्ण जीता। जिसके साथ ही वह नीरज चोपड़ा के बाद वह ऐसा करने वाली भारत की दूसरी एथलीट बन गईं।

हालाकि 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में वह भले ही पदक नहीं जीत पाई हो लेकिन उन्होंने 400 मीटर के फाइनल में जगह बनाकर सबको अपने खेल से आकर्षित किया था। यही वजह है कि इस बार लोगों की नज़रे हिमा पर टिकी हुई हैं। 

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