बड़े टूर्नामेंट में जाने के लिए ट्रायल्स देना मेरी नज़र में सही नहीं – एम सी मैरीकॉम

Update: 2019-08-22 08:32 GMT

भारतीय दिग्गज महिला बॉक्सर और 6 बार की वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियन एम सी मैरीकॉम ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। मैरीकॉम ने भारतीय बॉक्सिंग फ़ेडरेशन (BFI) को सुझाव दिया है कि बड़े टूर्नामेंट से पहले ट्रायल्स देने की प्रक्रिया पर विचार की ज़रूरत है।

दरअसल, हाल ही में वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए हुए ट्रायल में मैरीकॉम को 51 किग्रा वर्ग के ट्रायल में एशियाई चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता निकहत ज़रीन से भिड़ना था, हालांकि BFI ने इसे रद्द करते हुए मैरीकॉम को सीधे एंट्री दी। जिसके बाद निकहत ज़रीन ने इसका विरोध जताया था, और कहा था एंट्री नाम के आधार पर नहीं बल्कि प्रदर्शन के आधार पर होनी चाहिए।

विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप में एम सी मैरीकॉम के नाम हैं 6 स्वर्ण पदक

मैरीकॉम ने विश्व चैंपियनशिप के लिए सीधे अपना नाम भेजने और ट्रायल्स रद्द करने में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया।

"इसके बारे में आप BFI से पूछें, इस तरह से फ़ैसले मैं ख़ुद नहीं ले सकती, इस फ़ैसले में मेरी कोई भी भूमिका नहीं थी। यह सबकुछ BFI के हाथों में है।" “यह मेरे हाथ में नहीं है. यह बीएफआई पर निर्भर है, हो सकता है कि इसमें बदलाव हो। जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें सीधे ही किसी भी टूर्नामेंट के लिए कोटा मिल जाना चाहिए।‘’: एम सी मैरीकॉम, भारतीय महिला बॉक्सर

इतना ही नहीं अपनी बात को सही साबित करने के लिए मैरीकॉम ने भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों का भी उदाहरण दिया।

“दूसरे खेलों में ट्रायल्स नहीं हैं, क्या साइना नेहवाल या पी वी सिंधु ने अब तक ट्रायल दिया है? ट्रायल देना कभी कभार, अजीब सा भी लगता है। मैंने साफ तौर पर बताया कि अधिकारियों को तय करना चाहिए कि कौन बेहतर कर रहा है।”: एम सी मैरीकॉम, भारतीय महिला बॉक्सर मैरीकॉम

विश्व चैंपियनशिप में अब तक 6 स्वर्ण और एक रजत पदक जीत चुकी हैं। इस साल वर्ल्ड चैंपियनशिप का आयोजन रूस के उलान-उडे में 3 से 13 अक्टूबर तक होना है।

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