भारत को ओलंपिक में मेडल दिलाने की पूरी कोशिश करूंगी- हिमा दास

Update: 2020-01-19 07:27 GMT

अपने बचपन में फुटबॉल खेलने वाली हिमा दास का शायद असली सफर एथलेटिक्स में लिखा था। तभी तो किस्मत ने उन्हें ट्रैक पर दौड़ने के लिए चुना। हिमा ट्रैक पर 200 और 400 मीटर की रेस में हिस्सा लेती है। शुरूआत में देखकर उन्हें कोई अंदाजा नहीं लगा सकता कि इस एथलीट के अंदर इतना दम है कि वह इस रेस को जीत लेगी। लेकिन जैसे ही ट्रैक की दूरी खत्म होने को आती है हिमा की रफ्तार एकाएक बढ़ जाती है और वह सीधे गोल्ड पर कब्जा जमाती है।

2018 में अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर हिमा ने भारतवासियों का नाम रोशन किया। जुलाई 2019 का महीना हिमा के लिए काफी खास रहा। यहां हिमा ने यूरोप में 20 दिन के अंतराल में 5 मेडल जीते। लेकिन इस प्रदर्शन के बावजूद भी हिमा को वर्ल्ड चैंपियनशिप में जगह नहीं मिली। क्योंकि वर्ल्ड चैंपियनशिप में क्वालीफाइंग मार्क 51.80 था वहीं हिमा सिर्फ 52.09 पर रेस पूरी कर पाती थी। विश्व चैंपियनशिप के मानक स्तर पर यह कम था।

हिमा 2018 के एशियाई खेलो में 50.79 सेकेंड में 400 मीटर की दौड़ पूरी कर चुकी है। ऐसे में इतनी उम्मीद है कि वह अपनी कड़ी मेहनत से 50 सेकेंड में रेस पूरे करने का दम रखती है। वहीं ओलंपिक में 400 मीटर की रेस में 51.35 सेकेंड का मानक तय है। जिसे देखते हुए हिमा से कड़ी मेहनत की उम्मीद है। लेकिन पिछले कुछ समय से हिमा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। उनकी ओलंपिक की तैयारियों को लेकर सवाल उठ रहे थे।

एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया का कहना था कि हिमा सरकारी और प्राइवेट इवेंट में हिस्सा लेने की वजह से अपनी ट्रेनिंग पर ध्यान नहीं दे पा रही है। द ब्रिज की टीम ने देश की उभरती महिला एथलीट हिमा दास से खास बातचीत की। इसमें उनकी वापसी से लेकर ओलंपिक क्वालीफिकेशन तक की तैयारियों पर बात की गई।

द ब्रिज- ओलंपिक क्वालीफिकेशन को लेकर कैसी तैयारी चल रही है?

हिमा दास: केरल में हमारा प्रशिक्षण शिविर लगाया गया है। काफी अच्छा अभ्यास चल रहा है पूरी इंडियन टीम का उम्मीद रहेगी की क्वालीफाई करने के साथ ही मैं ओलंपिक में पदक जीतूं। ये आसान नहीं है लेकिन मैं भारत को ओलंपिक में मेडल दिलाने की हर वो कोशिश करूंगी जो की कोई भी खिलाड़ी देश के लिए करना चाहता है।

द ब्रिज- वापसी को लेकर किसी तरह का दबाव है?

हिमा दास: ऐसा कुछ नहीं है हर खिलाड़ी अपने जिंदगी में कभी ना कभी चोटिल होता है। मैं भी हुई जिसको लेकर मुझे किसी प्रकार का दुख नहीं है। अभी मैं पूरी तरह से फिट हूं अपनी वापसी को लेकर मैं कड़ी मेहनत कर रही हूं। बस सबसे यही प्रार्थना करना चाहूंगी। हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें।

यह भी पढ़े: हिमा दास के वर्ल्ड चैंपियनशिप के पदक ने भारतीय एथलेटिक्स को नई दिशा दी

द ब्रिज- कौन से प्रतियोगिता में ओलंपिक से पहले भाग लेना का आप सोच रही हैं?

हिमा दास: ऐसा कुछ नहीं है सबसे पहला लक्ष्य है नेशनल प्रतियोगिता से ओलंपिक में कोटा हासिल करना। उसके बाद जैसे-जैसे प्रतियोगिता वैसे-वैसे भाग लूंगी। 50.79 मेरी अभी टाइमिंग है इसको सुधारने पर काम कर रहीं हूं। जैसे फेडरेशन और कोच मेरे लिए रोडमैप तैयार करेंगे मैं उस पर काम करूंगी।


द ब्रिज- खेलो इंडिया यूथ गेम्स गुवाहाटी में हो रहा है क्या कहना चाहेंगे इसके बारे में?

हिमा दास: गुवाहाटी के लिए काफी अच्छा खबर है कि इस प्रतियोगिता का आयोजन यहां पर हो रहा है। मेरे करियर की शुरूआत यहां से शुरू हुई थी। इस तरह के प्रतियोगिता के आयोजन से नार्थ-इस्ट में खेलों को लेकर लोगों की उत्सुकता बढ़ेगी। यहां पर आए सभी खिलाड़ियों को मैं हार्दिक अभिनंदन करती हूं।

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