Begin typing your search above and press return to search.

वुशु

मध्यप्रदेश की प्रियंका केवट ने जॉर्जिया अंतर्राष्ट्रीय वुशु चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण पदक

वुशु एक चीनी खेल है, जिसे चाइनीज मार्शलआर्ट्स भी कहा जाता हैं। इसी खेल में प्रियंका ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया हैं।

मध्यप्रदेश की प्रियंका केवट ने जॉर्जिया अंतर्राष्ट्रीय वुशु चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण पदक
X
By

Pratyaksha Asthana

Updated: 11 Aug 2022 8:01 AM GMT

पूर्वी यूरोप के जॉर्जिया में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वुशु प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश के सीधी की रहने वाली प्रियंका केवट ने स्वर्ण हासिल किया हैं।

बेहद ही सामान्य परिवार से आने वाली प्रियंका के पिता शिवदयाल केवट सीधी के एक नर्सिंग होम में कैशियर का काम करते है, वहीं उनकी माता सोनिया केवट प्राइवेट स्कूल में नौकरी करती है।

प्रियंका ने 8वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद राज्य स्तरीय स्वर्ण पदक जीता था। जिसके बाद राज्य शासन ने अपने खर्च से प्रियंका की 9वीं की पढ़ाई सहित हायर सेकेंडरी स्तर तक पढ़ाई करवाई, जिस वजह से प्रियंका भोपाल में पढ़ाई कर रही थी।

प्रियंका की मां सोनिया ने बताया कि तीन बहनों और एक भाई के बीच प्रियंका दूसरे नंबर की बेटी है। प्रियंका के पिता शिवराज केवट निजी नर्सिंग होम में कैशियर पद पर हैं।

उन्होंने कहा, "काश हर बेटी को इसी तरह उपलब्धि मिले, आज हमारा दिल गदगद है। हमें ये नहीं मालुम था कि हमारी बेटी इस मुकाम तक पहुंचेगी कि विदेश में भी उनका नाम रोशन होगा। उन्होंने कहा कि मैंने तो उनकी शादी के लिए कपड़ों की खरीदी कर ली थी, शादी करने की तैयारी थी, लेकिन स्कूल की मैडम श्वेता ने हमें मना किया। बोली कि अभी उन्हें उनके तरक्की के स्थान पर जाने दीजिए। आज मेरी बिटिया पूरे देश में एक अलग पहचान बनाकर जो मैडल हासिल किया है उससे हम सब गौरवान्वित हैं। ये हमारे लिए स्वर्णिम पल है।"

प्रियंका के घर की आर्थिक तंगी ने कभी उनका हौसला टूटने नहीं दिया, प्रियंका के माता-पिता ने जो कमाया सब अभ्यास में खर्च किया, प्रियंका के दिल में भी कुछ कर दिखाने का जज्बा था सो उन्होंने वही किया जिसकी सभी को उम्मीद थी।

आपको बता दें वुशु एक चीनी खेल है, जिसे चाइनीज मार्शलआर्ट्स भी कहा जाता हैं। इसे हथियार और निहत्थे दोनों तरीकों से खेला जाता है, इसमें सामने वाले को लात-घुसें सब पड़ते हैं, कई बार तो खिलाडी बुरी तरह घायल भी हो जाते हैं। इसी खेल में देश के बेटी ने स्वर्ण हासिल कर न सिर्फ अपने परिवार या राज्य का नाम रौशन किया है बल्कि उन्होंने देश का भी मान बढ़ाया हैं।

Next Story
Share it