कुश्ती
भारतीय कुश्ती महासंघ को मिला प्रो-कुश्ती लीग का मालिकाना हक, 30 करोड़ में किया समझौता
इस साल के आखिर में लीग फिर से शुरू करने पर बात चल रही
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने प्रो-स्पोर्टीफाइ के साथ 30 करोड़ रुपए का करार करके प्रो-रेसलिंग लीग पर मालिकाना हक हासिल कर लिया है और इस साल के आखिर में लीग फिर से शुरू करने पर बात चल रही है। लीग की शुरूआत 2015 में हुई थी और इसके चार सीजन में भारत के सभी बड़े पहलवानों के साथ बड़े अंतरराष्ट्रीय सितारों ने हिस्सा लिया। कोरोना की वजह से 2 साल से इस लीग का आयोजन नहीं हुआ है।
समझा जाता है कि स्टार स्पोर्ट्स ने 2019 में 60 करोड़ रुपए में इसे खरीदने की इच्छा जताई थी। स्पोर्टीफाइ ने हालांकि 70 करोड़ रुपए की मांग की थी। उस समय डब्ल्यूएफआई मध्यस्थ की भूमिका में थे, लेकिन कोरोना काल में खेल गतिविधियों पर विराम लग गया और यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया। स्टार स्पोर्ट्स का प्रो कबड्डी लीग में भी मालिकाना हक़ है। डब्ल्यूएफआई को पहले सीजन के लिए एक करोड़ रुपए रॉयल्टी मिली, जो बाद में प्रति सीजन 6 करोड़ रुपए हो गई।
पीटीआई से मिली जानकारी के अनुसार एक सूत्र ने बताया, 'समझौता करार हो गया है। डब्ल्यूएफआई किश्तों में रकम का भुगतान करेगा. अब लीग पर अब महासंघ का हक है। यह पूछने पर कि महासंघ ने पैसे का इंतजाम कैसे किय। सूत्र ने बताया कि रॉयल्टी से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल किया गया। यह भी पता चला है कि आखिरी किश्त के 4 करोड़ रुपए अभी बकाया हैं, जो जल्दी दिए जाएंगे। इसके साथ ही 6 टीमों की लीग को फिर शुरू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि महासंघ 2-3 कंपनियों से बात कर रहा है और तमाम पेशकश पर गौर करने के बाद ही फैसला लिया जाएगा, लेकिन इस साल ऑफ सीजन में लीग शुरू करने की योजना है। अन्य खेलों की तरह लोकप्रियता को देखते ही इसकी भी लीग शुरू की गई थी। कुश्ती के खिलाड़ियों का ओलंपिक से लेकर बड़े-बड़े टूर्नामेंट में प्रदर्शन अच्छा रहा है। भारतीय पहलवानों ने लगातार 4 ओलिंपिक खेलों में पदक जीते है, इस कारण इस पर सबकी नजर भी रहती है।