कुश्ती
Wrestlers Protest: कुश्ती महासंघ से छीना काम, तदर्थ समिति सबकुछ देखेगी
आईओए ने डब्ल्यूएफआई के महासचिव वीएन प्रसूद को तत्काल सभी दस्तावेज व खातों का संचालन तदर्थ समिति को सौंपने को कहा है
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह समेत सभी निवर्तमान पदाधिकारियों के प्रशासनिक कार्य पर रोक लगा दी है। इतना ही नहीं आईओए ने डब्ल्यूएफआई के महासचिव वीएन प्रसूद को तत्काल सभी दस्तावेज व खातों का संचालन तदर्थ समिति (एडहॉक कमेटी) को सौंपने को कहा है।
आईओए ने डब्ल्यूएफआई के दैनिक कार्यों के संचालन तथा इस राष्ट्रीय महासंघ के चुनाव को संपन्न करवाने के लिए तदर्थ समिति नियुक्त की है। यह तदर्थ समिति खेल मंत्रालय के आदेश पर नियुक्त की गई है। जंतर-मंतर पर पहलवानों के धरने के मद्देनजर इस कार्रवाई को अहम माना जा रहा है।
डब्ल्यूएफआई ने कहा कि उसे आईओए के आदेशों का पालन करने में कोई समस्या नहीं है क्योंकि वह पहले ही अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं।
आईओए की ओर से जारी पत्र में डब्ल्यूएफआई से सभी दस्तावेज, खातों और विदेश में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए भेजी जाने वाली एंटी का लॉगिन, बेवसाइट संचालन तत्काल सौंपने को कहा है। डब्ल्यूएफआई के सभी निवर्तमान पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से भारतीय कुश्ती महासंघ के किसी भी प्रशासनिक समारोह में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी है।
पत्र में कहा गया है कि डब्ल्यूएफआई की सभी प्रशासनिक, वित्तीय और नियामकीय भूमिकाएं अब तदर्थ समिति देखेगी। कुश्ती के संचालन के लिए आईओए द्वारा नियुक्त तदर्थ समिति भारतीय कुश्ती महासंघ के बाकी सभी कामकाज, जिम्मेदारियां निभाएगी। पत्र में कहा गया है कि जबकि तदर्थ समिति अस्तित्व में है, तब डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान पदाधिकारियों की इस महासंघ से जुड़े किसी भी तरह के कामकाज में कोई भूमिका नहीं होगी।
देश के चोटी के पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और वे उनकी गिरफ्तारी को लेकर जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।