कुश्ती
Wrestlers Protest: विनेश फोगाट ने खेल मंत्री पर लगाया आरोप - अनुराग ठाकुर ने की मामले को दबाने की कोशिश
विनेश फोगाट ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर पर बृजभूषण शरण सिंह के मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने और कमेटी बनाकर मामले को दबाने को लेकर निशाना साधा
भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रही पहलवान विनेश फोगाट ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने ठोस कार्रवाई करने के बजाय निगरानी पैनल बनाकर मामले को दबाने की कोशिश की। अपने विरोध के दूसरे चरण में पहलवान बृज भूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। बृज भूषण भाजपा सांसद भी हैं। पहलवानों के विरोध का सबसे बड़ा चेहरा विनेश ने दावा किया कि राष्ट्रीय शिविर के दौरान पहले भी दो बार यौन उत्पीडऩ के मामले सामने आए थे लेकिन डब्ल्यूएफआई इन मामलों को दबाने में सफल रहा।
विनेश ने संवाददाताओं से कहा, हमने केंद्रीय खेल मंत्री (अनुराग ठाकुर) से बात करने के बाद अपना विरोध समाप्त किया और सभी एथलीटों ने उन्हें यौन उत्पीड़न के बारे में बताया। वहां कमेटी बनाकर उन्होंने मामले को दबाने की कोशिश की, उस समय कोई कार्रवाई नहीं की गई।
विनेश ने कहा कि 2012 के राष्ट्रीय शिविर के दौरान एक पुलिस स्टेशन में यौन उत्पीडऩ की शिकायत दर्ज की गई थी। 24 घंटे के भीतर उस मामले को दबा दिया गया था। 2014 में एक फिजियो, जो गीता फोगाट के ट्रेनर भी थे, ने इसी तरह का मामला उठाया और उन्हें 24 घंटे के भीतर शिविर से हटा दिया गया। उस दिन से उनकी पत्नी किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकी।
एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता ने कहा कि अब लोग समझ सकते हैं कि आखिर वे 12 साल तक चुप क्यों रहे। उन्होंने कहा कि हमें खेल खेलना था। हमारा करियर, जीवन दांव पर था और इसलिए हम पर्याप्त साहस नहीं जुटा सके। अब हम अपने करियर में ऐसे मुकाम पर पहुंच गए हैं जहां हम बोल सकते हैं। दिग्गज पहलवान ने कहा कि एक शक्तिशाली व्यक्ति के खिलाफ खड़ा होना कठिन है जो बहुत लंबे समय से अपनी शक्ति और स्थिति का दुरुपयोग कर रहा है।
विनेश ने कहा, जंतर मंतर पर बैठने से तीन-चार महीने पहले, हम एक अधिकारी से मिले थे, हमने उन्हें सब कुछ बताया था कि कैसे महिला एथलीटों का यौन उत्पीड़न और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है, जब कोई कार्रवाई नहीं की गई, तब हम धरने पर बैठ गए।
जब हम खेल मंत्री से मिले तो महिला पहलवानों ने यौन उत्पीडऩ से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं को साझा किया। लड़कियां उनके सामने रो रही थीं लेकिन उस समय कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि खेल मंत्री ने एक समिति बनाकर मामले को फिर से दबाने की कोशिश की। हमने इस मुद्दे को हर स्तर पर उठाने की कोशिश की लेकिन इस मामले को हमेशा दबा दिया गया।
इस बीच, बृजभूषण ने कुश्ती संघ से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है, यह कहते हुए कि इसका मतलब यह होगा कि उन्होंने आरोपों को स्वीकार कर लिया है।
उन्होंने कहा, ''अगर मैं इस्तीफा देता हूं तो इसका मतलब है कि मैंने उनके आरोप को स्वीकार कर लिया है, मेरा कार्यकाल खत्म होने वाला है। जब तक नई पार्टी नहीं बनती और सरकार आईओए कमेटी का गठन नहीं करती, तब तक उस कमेटी के तहत चुनाव होते रहेंगे और उसके बाद मेरा कार्यकाल खत्म हो जाएगा।''
पहलवानों का विरोध एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है, कई विपक्षी नेताओं ने एथलीटों के साथ एकजुटता दिखाई है और डब्ल्यूएफआई प्रमुख के इस्तीफे की मांग की है।