कुश्ती
सेना के पहलवान ने राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल के दौरान आपा खोकर रेफरी को पीटा, भारतीय कुश्ती महासंघ ने लगाया लाइफटाइम बैन
सतेंदर मलिक ने मंगलवार को राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल के दौरान मैच के रेफरी जगबीर सिंह पर हमला कर दिया
पिछले साल पूर्व भारतीय पहलवान सुशील कुमार अपने दुर्व्यवहार के कारण पूरे देश में चर्चा का विषय बने थे। अब सुशील कुमार के बाद एक और भारतीय पहलवान अपने दुर्व्यवहार के कारण सुर्खियों में आए है। इस पहलवान का नाम सतेंदर मलिक है। जिन्होंने मंगलवार को राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल के दौरान मैच के रेफरी जगबीर सिंह पर हमला कर दिया। इस घटना के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ इंडिया ने उन पर लाइफ टाइम बैन लगा दिया।
दरअसल मंगलवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम के केडी जाधव हाॅल में आगामी राष्ट्रमंडल खेलों के लिए ट्रायल चल रहा था। जहां ट्रायल में सेना के पहलवान सतेंदर मलिक भी हिस्सा ले रहे थे। सतेंदर मलिक ट्रायल के फाइनल मुकाबले के खत्म होने से 18 सेकेंड पहले तक 3-0 से आगे चल रहे थे, लेकिन विरोधी पहलवान मोहित ने उन्हें टेक-डाउन करते हुए मैट से बाहर धकेल दिया। मोहित को इसके लिए सिर्फ एक अंक मिले तो उन्होंने इस फैसले को चुनौती दे दी। वहीं इस बाउट के ज्यूरी सत्यदेव मलिक ने निष्पक्षता का हवाला देते हुए खुद को इस फैसले से अलग कर लिया। इसके बाद अनुभवी रेफरी जगबीर सिंह पर इस चुनौती पर गौर करने का अनुरोध किया गया।
इसके बाद उन्होंने टीवी रिप्ले की मदद से मोहित को तीन अंक देने का फैसला सुनाया। मोहित को 3 अंक मिल गए और फिर स्कोर 3-3 की बराबरी पर आखिर तक रहा। अब मैच में अंतिम अंक हासिल करने की वजह से मोहित को विजेता घोषित कर दिया गया। इस फैसले के बाद सतेंदर मलिक काफी आहत हो गए और फिर वो 57 किलोग्राम भार वर्ग के लिए चल रहे ट्रायल के मैट पर पहुंच गए जहां पर जगबीर भी मौजूद थे। जगबीर के पास पहुंचकर सतेंदर उनके साथ मारपीट करने लगे। पहले उन्होंने रेफरी जगबीर को गालियां दी और फिर थप्पड़ रसीद दिया जिसके बाद वो अपना संतुलन खोकर जमीन पर गिर पड़े। इस घटना के बाद हाल में अफरा-तफरी का माहौल हो गया और फिर सतेंदर को बाहर भेजकर हालात को सामान्य किया गया।
इस घटना के दौरान भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रिजभूषण सिंह वहीं मौजूद रहे। वहीं इस घटनाक्रम को लेकर सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा कि हमने सतेंदर मलिक पर आजीवन प्रतिबंध लगाया है और ये फैसला अध्यक्ष ब्रिजभूषण सिंह द्वारा लिया गया है। वहीं इस घटना के बारे में रेफरी जगबीर का कहना है कि उस ट्रायल मुकाबले से मेरा कोई लेना-देना नहीं था। मुझे फैसले के लिए बुलाया गया था और जो सही था मैंने वही किया।